वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। अपने समृद्ध अतीत की कहानी बयां कर रहे उत्तर प्रदेश के किले, कोठी और पैलेस विकास की नई गाथा लिखेंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इसकी नींव रखने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में सात दिसंबर 2024 को राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में हेरिटेज कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। इसमें 60 से अधिक राजा-महाराजा के साथ संवाद के लिए देश भर से लगभग 250 प्रसिद्ध होटल मालिक, इन्वेस्टर्स, रियल स्टेट व्यवसायी और कंसल्टेंट आएंगे। सहमति बनी तो उत्तर प्रदेश विरासत पर्यटन में भी देश-दुनिया को आकर्षित करने वाला प्रमुख गंतव्य स्थल बनेगा।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश हाल के वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य बनकर उभरा है। बीते वर्ष 2023 में यहां 48 करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज सहित अन्य तीर्थ स्थल सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उत्तर प्रदेश में हेरिटेज टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। यहां बड़ी संख्या में किले, पैलेस और कोठिया हैं, जिन्हें उपयोगी बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। विरासत पर्यटन में अग्रिम पंक्ति में खड़े राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों की तर्ज पर पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश में भी तैयारी कर रहा है। कॉन्क्लेव में इनका एमओयू भी होगा। विभाग की ऐसी अन्य प्रापर्टी को पीपीपी पर विकसित करने की तैयारी है।
जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य में अनेक संपत्तियां जो राजा-महाराजा के पास है, इनका विकास कर उपयोगी बनाने की मंशा है। विभाग द्वारा आयोजित कॉन्क्लेव में 60 से अधिक राजा-महाराजा और देश भर से लगभग 250 प्रसिद्ध होटल मालिक, इन्वेस्टर्स, रियल एस्टेट व्यवसायी और कंसल्टेंट को आमंत्रित किया गया। इनके बीच सीधा संवाद होने से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि हेरिटेज कॉन्क्लेव प्रदेश में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। गंतव्य स्थलों पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में आगंतुक आएंगे। यह प्रयास विशेषकर स्थानीय लोगों के सामने रोजगार का बड़ा अवसर लेकर सामने आएगा।