वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा/ लखनऊ
टहनियों पर लगे पीले पत्ते मत तोड़ो तुम,
चंद रोज में ख़ुद वा ख़ुद झड़ जायेंगे।
बैठा करो कुछ तो बुजुर्गों के पास तुम,
एक दिन ख़ुद ही ये चुप हो जायेंगे।।
खर्चने दो उन्हें बेहिसाब तुम यारों तुम,
एक दिन सब तुम्हारे लिए छोड़ जायेंगे।
मत टोको उनको बार बार,बात दुहराने पर तुम,
एक दिन हमेशा के लिए ख़ामोश हो जायेंगे।।
इनका आशीर्वाद सर पर ले लिया करो तुम,
वर्ना फ़िर ये तस्वीरों में ही नज़र आयेंगे।।
खिला दो उनको कुछ उनकी ही पसंद का तुम,
फ़िर श्राद्ध में भी देखना खाने नहीं आयेंगे।।
🙏 अमित श्रीवास्तव!