वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 8 नवंबर। आर्थोपेडिक विभाग के चिकिसकों ने सर्जरी कर 51 वर्षीय महिला के कन्धे का सफ़लतापूर्वक पूर्ण प्रत्यारोपण कर इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा।
बताते चलें कि KGMU में कूल्हे, घुटने आदि का विश्व स्तरीय प्रत्यारोपण पहले से हो रहा है। लेकिन कंधे का पूर्ण प्रत्यारोपण पहली बार किया गया। आर्थोपेडिक विभाग के विशेषज्ञ डॉ कुमार शान्तनु ने बताया कि ऐसे मरीज़ों में जिनका कंधे का जोड़ पूर्णतया नष्ट हो जाता है और उसकी मांसपेशियाँ तथा लिगामेंट आदि रिपेयर योग्य नहीं रहते उन्हें कंधे के जोड़ के प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ती है।
गोंडा के वीरपुर गाँव भोज निवासी 51 वर्षीय महिला ननकान को गठिया रोग था। जिसके कारण उसके दोनों कूल्हों का प्रत्यारोपण पहले ही KGMU में सफलतापूर्वक किया गया था। पिछले एक साल से मरीज़ के दोनों कंधों में दर्द व जकड़न बढ़ गई थी। जिसके कारण वह दोनों ही कंधे बिल्कुल नहीं उठा पाती थी। यहाँ तक कि अपना दैनिक कार्य भी नहीं कर पा रही थी। वह दोनों कंधे दिखाने KGMU आई और हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर कुमार शान्तनु को कंधा दिखाया। समस्त जाँचों के पश्चात ६ नवंबर को उनके कंधे का पूर्ण प्रत्यारोपण हड्डी रोग विभाग में किया गया।
कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने बताया कि घुटने एवं कूल्हे के प्रत्यारोपण तो काफ़ी संख्या में होते रहते हैं पर कंधे का प्रत्यारोपण मुश्किल होने के कारण केवल देश के मेट्रो शहरों में ही सामान्य तौर में किए जाते रहे हैं पर अब KGMU में इसकी सुविधा उपलब्ध रहेगी।
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