देश की प्रमुख गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी, केप्री ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड ने नई कार लोन में साल-दर-साल 75% की शानदार वृद्धि हासिल की है और लगभग 94,000 ग्राहकों को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है। भारत के कुल यात्री वाहन बाज़ार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 2.5% है।
पिछले साल केप्री लोन्स ने पूरे देश में अपनी मौजूदगी के दायरे को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देते हुए 28 राज्यों में 750 स्थानों पर उपस्थिति दर्ज की, जिसमें मुख्य रूप से टियर III श्रेणी के शहर और टियर IV श्रेणी के कस्बे शामिल हैं। इससे कंपनी को देश के शहरी एवं अर्ध-शहरी इलाकों में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिली है, जहां वित्त-वर्ष 24 के दौरान नई कारों की मांग रिकॉर्ड नई ऊंचाई पर थी। केप्री लोन्स ने आने वाले समय में वाहनों की फाइनेंसिंग के व्यवसाय में 25% तक की वृद्धि को जारी रखने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, दक्षिण भारत के राज्यों में अपनी उपस्थिति को मजबूत बनाने के अलावा एक बहु-आयामी योजना भी तैयार की है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश शर्मा ने इस विज़न के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा, “भारत के नए कार बाज़ार में अभूतपूर्व तेजी देखी जा रही है, जिसका कारण मांग में लगातार बढ़ोतरी है। गौरतलब है कि, इन दिनों एसयूवी और स्पोर्ट्स मॉडल जैसे बड़े वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है, साथ ही विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में दमदार इलेक्ट्रिक वेरिएंट के प्रति लोगों की दिलचस्पी भी लगातार बढ़ रही है। हर किसी के लिए कार का मालिकाना हक उसकी स्वतंत्रता, सामाजिक ओहदे और निजी संतुष्टि का प्रतीक है। केप्री लोन्स में, हम फाइनेंसिंग के सुलभ विकल्पों की पेशकश करके कार खरीदारों के सपनों को हकीकत में बदलने के इरादे पर अटल हैं। हम पहले ही ग्राहकों को सबसे ज्यादा अहमियत देने के अपने दृष्टिकोण, निजी आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप लोन चुकाने की योजनाओं और पूरी प्रक्रिया में सहूलियत एवं आसानी सुनिश्चित करके लगभग 94,000 कारों के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दे चुके हैं। केप्री लोन्स में, हम सिर्फ कारों की फाइनेंसिंग नहीं कर रहे हैं; बल्कि हम लोगों के सपनों को हकीकत में बदलने के साथ-साथ वाहनों की फाइनेंसिंग के भविष्य को नया आकार दे रहे हैं।”