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मानव तस्करी रोके जाने हेतु एएसपी रावत ने बैठक में दिए सख्त निर्देश और ज़िम्मेदारी निर्धारित की

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी) /अनुराग वर्मा
सिद्धार्थनगर 30 सितम्बर। एएसपी सुरेश चंद्र रावत ने दिनांक 29 -09- 2021 को पुलिस लाइन सिद्धार्थनगर सभागार में मानव तस्करी रोके जाने हेतु थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ जनपद स्तरीय अन्य स्टेकहोल्डर्स की बैठक की गई l बैठक में यह निर्देश दिए गए कि –
1) जिन मामलों में बालकों द्वारा किया गया जघन्य अपराध अभिकथित हो, या जब बालक द्वारा ऐसा अपराध वयस्कों के साथ सम्मिलित रूप से किए जाने का अभिकथन किया गया हो, के सिवाय कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट रजिस्ट्रीकृत नहीं होगा/की जाएगी।मंडलीय बाल सुरक्षा सलाहकार, यूनिसेफ द्धारा यह बतया गया कि कानून का उल्लंघन करने वाले बालको के मामले में, विशेष किशोर पुलिस इकाई या बाल कल्याण पुलिस अधिकारी बालक द्वारा किए गए अभिकथित अपराध की सूचना साधारण दैनिक डायरी में अभिकथित करेगा, उसके पश्चात प्रारूप 1 में बालक की सामाजिक पृष्ठ्भूमि और जहा कहीं लागू हो, बालक के पकड़े जाने की परिस्थितियों की रिपोर्ट प्रथम कार्यवाही से पहले किशोर न्याय बोर्ड को अग्रेषित करेगा।
2) परन्तु पकड़े जाने का शक्ति का प्रयोग केवल जघन्य अपराधों के विषय में ही किया जायेगा, जब तक यह बालक के सर्वोत्तम हित में न हो। छोटे-मोटे और गंभीर अपराधों के अन्य मामलों में, जहाँ बालक के हित में उसका पकड़ा जाना आवश्यक न हो, पुलिस या विशेष किशोर पुलिस इकाई या बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रारूप 1 में बालक की सामाजिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट के साथ उसके द्वारा किए गए अपराध की जानकारी किशोर न्याय बोर्ड को भेजेगा तथा उस बालक के माता-पिता या अभिभावकों को यह सूचित करेगा कि बालक को बोर्ड के समक्ष सुनवाई के लिए कब प्रस्तुत किया जाना है।
3) पुलिस/विशेष किशोर पुलिस इकाई/मानव तस्करी रोधी इकाई गुमशुदा बच्चा प्राप्त या बरामद होने पर उचित दिशानिर्देश व आदेश के लिए बच्चे को बाल कल्याण समिति या किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करें। जनपद सिद्धार्थनगर में नेपाल सीमा के समीप 54 गॉव को चिन्हित किया गया है, जिसमें ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति बनाये जाने हेतु ए0एच0टी0यू/एस0जे0पी0यू प्रभारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया गया।
4) किसी मामले बच्चों द्वारा यदि अपराध कारित किया जाता है तो बच्चें के उम्र के सम्बंध में अगर उक्त बालक के शैक्षिणक प्रमाण पत्र उपलब्ध हो तो उससे उम्र ज्ञात हो सकता है यदि शैक्षिणक प्रमाण पत्र उपलब्ध न हो तो उक्त बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत का उनके आदेश से उक्त बालक को जिला अस्पताल ले जाकर उम्र परीक्षण करायेगें तत्पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
5) ऐसे बालक जिनकी उम्र 0-7 वर्ष तक हो और उनसे कोई अपराध हो (जघन्य अपराध को छोड़कर) तथा उक्त बालक के साथ अपराध में कोई व्यस्क शामिल न हो तो ऐसे मामलो की जी0डी0 इन्ट्री कर बालक को उनके परिजनो को सुपुर्द कर दे।
6) थानो पर नियुक्त समस्त बाल कल्याण अधिकारियों का यह कर्तव्य र्है कि अपने-अपने थानाक्षेत्र बाल विवाह पर कड़ी नजर रखी जाये तथा बाल विवाह से सम्बंधित सूचना पर तत्काय विधिक कार्यवाही किया जाये।
7) बाल संरक्षण से सम्बन्धित प्रत्येक थाने पर एक रजिस्टर बनायेगें थाने पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारी द्वाारा देखा जायेगा जिसमें थाने पर बाल अपराध से सम्बन्धित सभी सूचनाये दर्ज रहेगा।
8) बच्चों से सम्बंधित मामलोमें आवश्यक सहयोग हेतु जनपद में कार्यरत बाल कल्याण समिति के अधिकारी/कर्मचारी तथा निम्न एन0जी0ओ0 के कार्यकर्ताओ से सम्पर्क किया जा सकता है-
1- प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, सदस्य बाल कल्याण समिति सिद्धार्थनगर- 9450561205
2- रिजवाना परवीन, मण्डलीय तकनीकि, बाल सुरक्षा सलाहकार यूनिसेफ- 7755029636
3- सुनिल उपाध्याय, समन्वयक चाईल्ड लाइन,सिद्धार्थनगर- 9984562942
4- प्रसून शुक्ला, प्लान इण्डिया- 9621895172
5- संतोष कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक ए0एच0टी0यू0/एस0जे0पी0यू0- 8090874617
6- राजेश मणि, निदेशक मानव सेवा संस्थान,गोरखपुर- 9838070412
बैठक में उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त समस्त थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी उपस्थित थे l

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