वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर सोमवार को भी प्रदेश में बूथ स्तर आयोजित किये गए। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने मुरादाबाद, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अलीगढ, ब्रजेश पाठक लखनऊ महानगर तथा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने लखनऊ जिला में स्थापना दिवस पर पार्टी पदाधिकारियों, स्थानीय नागरिको तथा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। इसके साथ ही प्रदेश में पार्टी के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नेता तथा पार्टी के कार्यकर्ता बूथ पर आयोजित कार्यक्रमों में पहुंचे और हर्षोल्लास के साथ पार्टी का स्थापना दिवस मनाया।
भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब के चिनहट ग्रामीण मंडल के बूथ क्रमांक 299 पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक दल नहीं बल्कि एक विचार है। जो राष्ट्र की आराधना, मां भारती की साधना और सबके कल्याण की कामना के साथ काम करती है। भाजपा हर क्षेत्र, हर भाषा, हर संप्रदाय और हर देशवासी को जोड़कर आगे बढ़ रही हैं। भाजपा आज राष्ट्रहित की भी पार्टी है और क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पार्टी है। भाजपा अपने मूल्यों, सिद्धातों, नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की वजह से आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। हमारे पास 18 करोड़ से ज्यादा समर्पित कार्यकर्ता है। देश की आबादी में 13 फीसदी से ज्यादा लोग हमारे सदस्य हैं। देश के 21 राज्यों में हमारी या हमारे गठबंधन की सरकार है। भाजपा में असंख्य कार्यकर्ताओं का संघर्ष, हमारे नेताओं का बलिदान, त्याग और समर्पण शामिल है।
श्री सिंह ने कहा कि हमारे मुद्दे थे समान नागरिक संहिता, गोहत्या पर प्रतिबंध और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति। एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान के विरोध में डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर कूच करने का फैसला किया। जहां प्रवेश के लिए परमिट की आवश्यकता होती थी। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि 1977 में इमरजेंसी खत्म होने के बाद जनसंघ ने राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ विपक्षी दलों के साथ वैचारिक मतभेदों को भुलाकर इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी की तानाशाही को जवाब देने के लिए खुद का जनता पार्टी में विलय कर दिया। मोरारजी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनी, अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री और लालकृष्ण आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने। इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का ये प्रयोग बहुत ज्यादा दिनों तक सफल नहीं हो सका। गुटबाजी और अंतर्विरोधों की वजह से 1979 में जनता पार्टी की सरकार गिर गयी।
श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खिलाफ देश को राष्ट्रवादी राजनीति का विकल्प देने के लिए 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने। 6 अप्रैल 1980 को भाजपा के गठन के बाद पार्टी का पहला अधिवेशन दिसंबर 1980 को मुंबई में हुआ।
