वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार
नई दिल्ली। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के सीनियर DEE, SEE और एक निजी रेलवे वेंडर को 7 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कार्रवाई DRM ऑफिस, नई दिल्ली से जुड़ी है। CBI की रेड में करीब 63.85 लाख रुपए नकद, 3.46 करोड़ रुपए के सोने-हीरे के आभूषण, महंगे मोबाइल, लैपटॉप, दस्तावेज और बेनामी संपत्तियों की डिटेल भी बरामद की गई है।
दिल्ली-गाजियाबाद की कंपनियां भी घेरे में :
CBI ने इस मामले में कुल 8 नामजद और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें रेलवे के अफसरों से लेकर गाजियाबाद और दिल्ली की निजी कंपनियों तक शामिल हैं। आरोप है कि ये सभी लोग प्राइवेट कंपनियों को काम देने और बिल क्लियर करने के बदले मोटी रिश्वत ले रहे थे।
FIR में नामजद आरोपियों में गिरफ्तार साकेत चंद्र श्रीवास्तव, सीनियर DEE (Gen), तपेंद्र सिंह गुर्जर SEE (Electrical&G), अरुण जिंदल SEE (टेंडर सेक्शन प्रभारी), DRM ऑफिस, नई दिल्ली एवं गौतम चावला, M/s Vatsal Infotech Pvt. Ltd. दिल्ली, साकेत कुमार, डायरेक्टर, M/s Shivmani Enterprises Pvt. Ltd. गाजियाबाद व अन्य अज्ञात सरकारी व निजी लोग है।
CBI ने आरोपियों के 9 ठिकानों पर छापा मारा जिसमें दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद शामिल हैं। छापों के दौरान ₹63.85 लाख नकद, ’ ₹96.26 लाख के सोने-हीरे के गहने, सीनियर DEE की पत्नी के लॉकर से ₹2.5 करोड़ के गहने व सोने की ईंटें, महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, रिश्वत लेन-देन से जुड़े दस्तावेज व बहीखाते मिले।
CBI की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी रेलवे अफसर काम के बदले रिश्वत की डीलिंग करते थे। कंपनियों को टेंडर दिलाना, काम में फेवर करना और फटाफट पेमेंट के लिए भारी रकम ली जाती थी। आरोपियों ने परिवार के नाम पर संपत्तियां भी जुटाई थीं। CBI की टीम ने बताया कि जांच अभी शुरुआती स्तर पर है, और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बरामद दस्तावेजों की जांच के बाद बड़ा भ्रष्टाचार नेटवर्क उजागर होने की संभावना है।
