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जगद्गुरु शंकराचार्य ने किया त्रिवेणी संगम में मौन स्नान

– शंकराचार्य ने दोहराया रामा गौ माता को राष्ट्र माता बनाने का संकल्प
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
प्रयागराज। प्रयागराज में माघ मास का सबसे पौराणिक एवं प्रतिष्ठित पर्व मौनी अमावस्या का स्नान आज शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। इस पर्व की महत्ता में आस्था व्यक्त करते हुए इस तिथि पर दुनिया भर से सनातन धर्मियों की ऐतिहासिक भीड़ संगम तट पर जुटी। मान्यता है कि 33 कोटि देवता स्वयं सगंम के जल में स्नान करने तीर्थराज प्रयाग की धरती पर उपस्थित होते हैं।
जगद्गुरुशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने भक्तों और अनुयायियों के साथ त्रिवेणी संगम में जुलूस साधु संतों, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों, भक्तों और अनुयायियों के साथ संगम स्नान किया। जुलूस में हर तरफ आस्थावानों का हुजूम जगतगुरु की जय, गंगा मैया की जय, गौ माता की जय का उदघोष करता नज़र आ रहा था। पुल संख्या दो से होते हुए जुलूस जब संगम की ओर बढ़ा तो लाखों करोड़ों की भीड़ स्वयं भगवान् शंकर स्वरूप जगद्गुरुशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को अपने बीच पाकर अभिभूत दिखी। लोग फूलों की वर्षा तो कर ही रहे थे साथ्र ही स्नान स्थल पर पहुचने पर शंकराचार्य के ऊपर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। इस दौरान विशिष्ट वैदिक मंत्रों के उच्चारण के मध्य गंगा स्नान विधान पूर्ण करने तक मौन ही रहे। शंकराचार्य के साथ ही महामंडलेश्वर सहजानंद, स्वामी जगदीशानंद, ब्रह्मचारी परमात्मानंद, ब्रह्मचारी मुकुंदानंद, स्वामी श्रीभगवान, गुजरात के किशोर शास्त्री, ब्रह्मविद्यानंद, राम सजीवन शुक्ल, प्रभारी डॉ. शैलेंद्र योगीराज एवं अन्य ने भी स्नान एवं अर्पण-पूजन किया।
शंकराचार्य ने कहा कि भारतीय धर्म-संस्कृति में कुछ विशिष्ट स्नान पर्व मनाए जाते हैं उनमें मौनी अमावस्या की तिथि पर संगम अथवा गंगा में स्नान करने का बहुत ही बड़ा महात्म्य कहा गया है। इस दिन मौन रहकर ईश्वर की आराधना करने से विशेष फल साधक को प्राप्त होता है।इस तिथि पर भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन करना अत्यंत ही कल्याणकारी माना गया है।सूर्यदेव को अर्घ्य देने से भक्त के जीवन में तेज, ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ करने के समान फल मिलता है।मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है साथ ही पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह विशेष महत्व वाला माना गया है।

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