लखनऊ 7 सितम्बर। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के नैक मूल्यांकन की तैयारियों का अवलोकन किया। प्रस्तुतिकरण में संस्थान के निदेशक ने राज्यपाल को अवगत कराया कि एस.जी.पी.जी.आई.एम.एस. एक सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सा संस्थान है। यह संस्थान नैक मूल्यांकन की निर्धारित कुछ श्रेणियों से अलग उच्चतम शिक्षा और सेवाओं के लिए स्थापित है। उन्होंने नैक मूल्यांकन की समस्त श्रेणियों के अनुरूप संस्थान की बाध्यताओं से अवगत कराया। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सा संस्थानों की स्थापना मूल्यों के अनुरूप ही उनके नैक मूल्यांकन मानकों के निर्धारण के लिए शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा जाए।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण में डाटा बेस की अपूर्णता को लक्ष्य किया और निर्देश दिया कि मूल्यांकन के जिन मानकों पर संस्थान द्वारा नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारी की गई है उसे गुणवत्ता संवर्द्धन के साथ शत-प्रतिशत पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि संस्थान में प्रति 10 छात्रों के साथ एक शिक्षक को मेन्टोर नियुक्त करें उनसे संतुष्टिपरक जानकारियां लेने के साथ-साथ उन्हे नैक मूल्यांकन के महत्व से भी अवगत कराए।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बैठक के दौरान एस.जी.पी.जी.आई.एम.एस. के निदेशक को जनपद फिरोजाबाद में अज्ञात बुखार की चपेट में आकर हुई बच्चों की मृत्यु का संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने कहा बुखार की जानकारी और निदान के लिए संस्थान में विशेषज्ञ टीम गठित की जाये।
ज्ञात हो संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रथम नैक मूल्यांकन आवेदन हेतु प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एण्ड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एन.ए.बी.एच) से भी मानक प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जा रहा है।
संस्थान की एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग 2019 में चौथी तथा 2020 में अधिक उच्च मूल्यांकन अंक प्राप्ति के साथ राष्ट्रीय स्तर पर 5वीं रही है। शीघ्र ही संस्थान को तीसरा एन.आई.आर.एफ मूल्यांकन परिणाम भी प्राप्त होने वाला है। एस.जी.पी.जी.आई.एम.एस में प्रशासन प्रमुख डा0 हर्षवर्धन ने उक्त जानकारी देते हुए बैठक में अवगत कराया कि एन.आई.आर.एफ राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क है जो भारत में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों की रैंक करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपनाई गई एक पद्धति है।
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