Breaking News

बंद पड़ी कोयला खदानों में अब सूरज बोलेगा – मेरी बारी

– नई रिपोर्ट में सामने आया 300 गीगावॉट का जबरदस्त मौका
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। दुनिया भर में जो कोयला खदानें या तो बंद हो चुकी हैं या इस दशक के अंत तक बंद हो जाएंगी, अगर उन्हें सौर ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाए तो इतनी बिजली बन सकती है कि पूरा जर्मनी एक साल तक रोशन रहे, ये खुलासा किया है Global Energy Monitor (GEM) की नई रिपोर्ट ने।
GEM के मुताबिक, 2020 के बाद से 312 ऐसी ओपन-पिट कोयला खदानें बंद पड़ी हैं जिनका कुल एरिया 2,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है। अगर इन्हें सोलर पैनल लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो यहां से 103 गीगावॉट बिजली निकाली जा सकती है। और यह तो सिर्फ शुरुआत है। 2023-30 के बीच दुनिया भर में और भी 3,700 वर्ग किलोमीटर की कोयला खदानें बंद हो सकती हैं। अगर इन जगहों पर भी सोलर पैनल लग जाएं, तो कुल क्षमता 300 गीगावॉट तक पहुँच सकती है। यानी पूरी दुनिया की मौजूदा सोलर क्षमता का 15।
कौन-कौन से देश हैं इस रेस में आगे?
चीन ने अभी तक सबसे तेजी दिखाई है। 90 कोयला-सौर प्रोजेक्ट चालू हो चुके हैं और 46 प्लानिंग में हैं। भारत, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ये चार देश इस बदलाव में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
क्या फायदा होगा?
पुराने खदान इलाकों की साफ-सफाई और जमीन का दोबारा इस्तेमाल।
2.6 लाख स्थायी नौकरियाँ, और 3.1 लाख अस्थायी/ निर्माण से जुड़ी नौकरियाँ।
स्थानीय अर्थव्यवस्था में जान, पर्यावरण की सेहत में सुधार।
ळम्ड के प्रोजेक्ट मैनेजर चेंग चेंग वू कहते हैं “कोयले की विरासत जमीन में दर्ज है, लेकिन वही जमीन अब जलवायु समाधान की जमीन बन सकती है।”
रिसर्चर हेली डेरेस के मुताबिक “नई जमीनों को लेकर दुनिया भर में झगड़े हो रहे हैं। लेकिन खदानों जैसी बंजर जगहें हमें एक नया रास्ता दिखा सकती हैं कृ क्लीन एनर्जी और क्लीन कम्युनिटी का।”
और ळम्ड के असिस्टेंट डायरेक्टर रयान ड्रिस्कल टेट जोड़ते हैं “जब कोयला कंपनियाँ दिवालिया होती हैं, तो मजदूरों को निकालकर पीछे बस गंदगी छोड़ जाती हैं। लेकिन यही जगहें अब सोलर से रोशन हो सकती हैं कृ बस जरूरत है सही पॉलिसी मिक्स और राजनीतिक इच्छाशक्ति की।”
भारत के लिए क्या मतलब है?
भारत जहां एक तरफ क्लीन एनर्जी की रफ्तार पकड़ने की कोशिश कर रहा है, वहीं ये रिपोर्ट साफ दिखाती है कि अगर हम बंद होती खदानों का सही इस्तेमाल करें तो सौर ऊर्जा और रोजगार दोनों में क्रांति आ सकती है। बस जरूरत है सोच बदलने की।

Check Also

भाजपा गठबंधन में हलचल! मंत्री आशीष पटेल बोले- सूचना विभाग मेरे खिलाफ रच रहा साजिश

– मीडिया को सूचना विभाग की कठपुतली बताया, 1700 करोड़ के बजट पर उठाए सवाल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Live Updates COVID-19 CASES