वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी सुनील सिंह ने विद्युत विभाग को निजीकरण का कानून लागू किए जाने को लेकर कहा है कि जिन दो डिसकॉम को पांच हिस्सों में बांटने की योजना है, उससे उपभोक्ताओं का नुकसान होगा और टैरिफ रेट बढ़ जाएगा जिसका सीधे असर जनता के ऊपर पड़ेगा, जबकि आम जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है। उस पर से अडानी-अंबानी की महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी।
श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि पहले भी यह व्यस्था लागू की थी उन्होंने कहा कि अगर नोएडा में टोरेंट पावर को देने से फायदा कुछ हुआ है तो सरकार ने श्वेत पत्र क्यों नहीं जारी किया गया। जब सपा सरकार ने 2013 में पीपीपी मॉडल लागू की बात की थी, तब नियामक आयोग ने उसको रोक दिया था। सपा सरकार के फेल मॉडल को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी इसी क्रम में आगे बढ़ रही है। यह जो कार्रवाई हो रही है यह पूरी तरीके से असंवैधानिक है। इसका मतलब है कि आप कहीं ना कहीं दिग्भर्मित हैं और इसीलिए ऐसा कर रहे हैं। लोकदल की मांग है इस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। जिससे प्रदेश की जनता पर भी कोई भार ना आए।
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