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पीएम मोदी की अगवानी के लिए निषादराज का वाराणसी से प्रस्थान, करेंगे क्रूज की सवारी

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार का महाकुंभ अभी तक के सभी कुंभ से ज्यादा अलौकिक होने जा रहा है। पहली बार संगम क्षेत्र में निषादराज की उपस्थिति इसका उदाहरण है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले प्रयागराज के लिए वाराणसी से निकल चुका है। निषादराज क्रूज को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने अपने कब्जे में लेकर वाराणसी से प्रयागराज की ओर रवाना कर दिया है। साथ ही इसके इंतजाम के लिए लगी टीम को तत्काल प्रभाव से सक्रिय भी कर दिया है। अत्याधुनिक सुविधाओं वाले इस क्रूज को रिसीव करने के लिए कस्तूरबा समेत दो वीआईपी वाहन बाकायदा नैनी ब्रिज के पीछे तैनात कर दिए गए हैं।
मेला प्राधिकरण के साथ वाराणसी प्रशासन मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। देश-दुनिया की नजर इस समय महाकुंभ पर टिकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कार्यक्रम यहां 13 दिसंबर को प्रस्तावित है। श्रृंगवेरपुर धाम में भगवान राम और निषादराज की प्रतिमा का पीएम मोदी अनावरण करेंगे। इसके बाद वे अत्यधिक सुविधाओं वाले निषादराज क्रूज पर सवार होकर अरैल से संगम तक आएंगे। यहां पीएम मोदी मां गंगा को प्रणाम कर संगम स्नान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। उसके बाद गंगा आरती की योजना बनाई गई है, जिसके बाद बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट का भी दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके साथ ही परेड स्थित सभा स्थल पर देश दुनिया के जाने-माने संतों से मुलाकात करेंगे।
अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं वाले निषादराज क्रूज को लेकर मेला प्राधिकरण और वाराणसी प्रशासन के बीच लगातार कोआर्डिनेशन हो रहा है। वाराणसी प्रशासन ने क्रूज को प्रयागराज की ओर रवाना कर दिया है। विशेष सुविधाओं वाले लग्जरी क्रूज निषादराज के जल्द ही प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। अभी यह वाराणसी और प्रयागराज के बीच स्थित सीतामढ़ी तक पहुंच चुका है। देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यह क्रूज विशेष तौर पर रोमांचकारी साबित होगा। इसे निकलने के लिए कम से कम 100 फीट का रास्ता जरूरी होता है। इसलिए क्रूज को यहां तक आने में रास्ते में कोई रुकावट न आने पाए, इसके इंतजाम किए जा रहे हैं। निषादराज क्रूज के साथ एक और बड़े जहाज को लगाया गया है, जो इसे यहां तक लाने में मदद कर रहा है।

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