वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ/ नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने जम्मू कश्मीर में लगातार खौफनाक आतंकी घटनाओं को लेकर मोदी सरकार की सुरक्षा नीति को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने कहा कि केन्द्र के हाथों में जम्मू कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा उठी है। श्री तिवारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में इस विफलता के लिए पीएम मोदी की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हे एक कमजोर तथा असफल प्रधानमंत्री भी करार दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी से बाहर का पैसा नहीं आ सकेगा और इससे आतंकवाद पर लगाम लगेगा। यही नहीं धारा तीन सौ सत्तर को लेकर भी प्रधानमंत्री ने इसके हटने पर आतंकवाद के खात्मे का दावा किया था।
प्रमोद तिवारी ने सवाल उठाया कि आखिर मोदी सरकार बताये कि जो आतंकवाद वहां सिर्फ कुछ जिलों व अंचलों में सीमित था वह बढकर घाटी तक कैसे आ पहुंचा। उन्होने कहा कि आतंकवाद की चपेट में उत्तर प्रदेश तथा बिहार समेत कई राज्यों के मजदूर कीमत चुका रहे है। श्री तिवारी ने कडे अंदाज में कहा कि आतंकवाद का दुस्साहस अब तो भारत की सेना के वाहनों तक पर हमले के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के संडे बाजार में ताजा आतंकी विस्फोट को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद चिंताजनक करार दिया। वहीं उन्होने कनाडा में दीपावली के त्यौहार पर वहां की बैंम्पटन शहर में हिन्दू मंदिरों पर हुए हमले की भी कडी निन्दा की। उन्होने कहा कि कनाडा की इस दिल दहला देने वाली घटना से यह तस्वीर भी साफ हो गयी है कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था की नीति चैपट करते हुए अब विदेश नीति को भी बर्बाद कर दिया है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि कनाडा से पहले बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव के तहत भारतीय वहां पाण्डाल नहीं लगा सके। उन्होने कहा कि कनाडा तथा बांग्लादेश और ब्रिटेन जैसे देशों में भारतीयों खासकर हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों पर इस प्रकार के हमले मोदी सरकार की विदेश नीति की कमजोरी का पक्का सबूत है। उन्होने कहा कि भारत, कनाडा में मंदिर पर धर्म के नाम पर कायराना हमले को अस्वीकार्य करता है। वही उन्होने प्रधानमंत्री से कहा कि वह और उनकी सरकार हर हाल में यह सुनिश्चित करे कि विदेश में रहने वाले भारतीय व्यापार तथा नौकरी सुरक्षित ढंग से कर सकें। उन्होने यह भी कहा कि सरकार विदेश नीति को मजबूत बनाए ताकि विदेश में रहने वाला हर भारतीय चैन की सांस ले सके।
