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समय पूर्व पर्यटकों को मिलेगा जंगल सफारी का आनंद, छह नवंबर से खुलेगा नेशनल पार्क

– छह नवंबर से देखिए बाघों की दुनिया, दुधवा-पीलीभीत टाइगर रिजर्व सहित अन्य स्थलों पर गतिविधियां तेज
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख ईको टूरिज्म स्थलों का नवीन पर्यटन सत्र इस बार छह नवंबर से शुरू हो रहा है, जो अब तक 15 नवंबर से शुरू होता था। इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। राज्य के ईको पर्यटन स्थलों के प्रति पर्यटकों और आम जनमानस में विशेष उत्साह है। यहां घूमने के साथ ही आगंतुकों के लिए कई आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। वाकिंग ट्रैक के साथ झूले आदि लगाए गए हैं। पर्यटन सत्र निर्धारित समय से नौ दिन पहले शुरू होने से दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्निया वन्यजीव विहार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर गतिविधियां तेज हो गई हैं।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छह नवंबर से दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, रानीपुर टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, सोहेलवा वन्य जीव विहार, सोहगीबरवा वन्य जीव विहार, चन्द्रप्रभा वन्यजीव विहार, कैमूर वन्यजीव विहार, ओखला पक्षी विहार, नवाबगंज पक्षी विहार, रपड़ी इको टूरिज्म सेंटर फिरोजाबाद को पर्यटकों के लिए खोलने जा रही है। इको टूरिज्म पर्यटन बोर्ड की ओर से पर्यटन सत्र शुरू करने की तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। सैलानियों के भ्रमण के लिए जिप्सी, हाथी और नेचर गाइड आदि तैयार हैं। पार्क प्रशासन पर्यटक सुविधाओं के लिए सभी प्रकार के प्रबंध समय पूर्व कर रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व को सैलानियों के लिए तैयार किया जा रहा है। नवीन पर्यटन सत्र के लिए नेचर गाइड्स को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। गाइडों द्वारा सैलानियों को कहानी सुनाई जाएगी, जिसमें सरीसृपों के साथ-साथ वन्यजीवों तथा बाघों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। गाइडों के द्वारा दूर दराज से आने वाले सैलानियों को अन्य कई जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएगी। फिरोजाबाद के रपड़ी ईको टूरिज्म सेंटर को खास तौर पर पर्यटन अनुकूल बनाया जा रहा है। यमुना नदी के किनारे बीहड़ वन क्षेत्र स्थित रपड़ी ईको टूरिज्म सेंटर में कॉटेज, नेचर ट्रेल, बटरफ्लाई पार्क, मोटरबोट की सवारी सहित कई सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं। इस ईको टूरिज्म सेंटर के बनने से यहां पर्यटन और विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं। सैलानियों में कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, रानीपुर टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व को लेकर भी खासा रोमांच है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पार्कों में प्लास्टिक और पॉलिथीन का प्रयोग वर्जित किया जा रहा है। प्लास्टिक की बोतल और पॉलिथीन का प्रयोग भी बंद करने के लिए पार्क प्रशासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश के पार्क सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार हैं। पर्यटन को पंख लगाने के लिए ईको पर्यटन विकास बोर्ड लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड ने स्कूली छात्रों के लिए 499 रुपए का एक टूर पैकेज तैयार किया है। इसका मकसद बेहद कम खर्च पर छात्रों को घूमने के साथ इको पर्यटन से संबंधित जानकारियां प्रदान करना है। इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड प्रदेश में पक्षी अभ्यारण्यों के साथ जंगल सफारी की एक विशिष्ट श्रृंखला प्रदान करता है। राज्य के प्रमुख ईको टूरिज्म स्थल दुधवा नेशनल पार्क और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य में पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नेचर गाइड्स को प्रशिक्षित किया गया है।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश के कई पर्यटन स्थलों को प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है। इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। पर्यटकों की संख्या के हिसाब से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इस बार पर्यटन सत्र नौ दिन पूर्व शुरू हो रहा है, जिसकी तैयारी अंतिम चरण में है। जंगल सफारी का आनंद लेने के इच्छुक सैलानियों के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं। हमारा प्रयास है कि विदेशी पर्यटक भी पर्यटन सुविधाओं का आनंद लें।

 

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