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उड़ान: भारतीय विमानन क्षेत्र में समावेशिता की उड़ान

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। ऐसे देश में जहां आकाश आशा और आकांक्षा का प्रतीक है, वहां उड़ान भरने का सपना कई लोगों के लिए एक विलासिता बना हुआ है। यह सपना 21 अक्टूबर 2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) – उड़ान, या उड़े देश का आम नागरिक के शुभारंभ के साथ आकार लेना शुरू हुआ। नागर विमानन मंत्रालय की अगुवाई में, उड़ान का उद्देश्य भारत में ऐसे स्थानों जहां हवाई सेवा नहीं है और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाना है, जिससे आम लोगों के लिए हवाई यात्रा सस्ती हो सके। अपनी सातवीं वर्षगांठ मनाते हुए, उड़ान भारत सरकार की बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में।
सपनों की उड़ान:
उड़ान की कहानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन में निहित है जिन्होंने राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति की घोषणा से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक में हवाई यात्रा को सर्व सुलभ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने सुविदित रूप से कहा था कि वे हवाई जहाज में चप्पल पहने लोगों को चढ़ते देखना चाहते हैं, यह एक ऐसी भावना थी जिसने अधिक समावेशी विमानन क्षेत्र के लिए एक विजन दिया। आम आदमी के सपनों के प्रति इस प्रतिबद्धता ने उड़ान की शुरूआत की। पहली उड़ान 27 अप्रैल 2017 को शिमला की शांत पहाड़ियों से भीड़-भाड़ वाले महानगर दिल्ली के लिए शुरू हुई। इस उद्घाटन उड़ान ने भारतीय विमानन में एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की जिसने अनगिनत नागरिकों की हवाई यात्रा के सपनों को साकार किया।
एक बाजार-संचालित विजन:
उड़ान एक बाजार-संचालित मॉडल पर काम करता है, जहां एयरलाइनें विशेष मार्गों पर मांग का आकलन करती हैं और बोली के दौरान प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं। यह योजना एयरलाइनों को व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) और हवाईअड्डा संचालकों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न रियायतों के माध्यम से सहायता प्रदान करके वंचित क्षेत्रों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
विमानन उद्योग को बढ़ावा:
आरसीएस-उड़ान योजना ने भारत में नागरिक विमानन उद्योग को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले सात वर्षों में, इसने कई नई और सफल एयरलाइनों के उद्भव को गति दी है। इस योजना से फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई 91 जैसी क्षेत्रीय एयरलाइनों को लाभ हुआ है। इन एयरलाइनों ने सतत व्यवसाय मॉडल विकसित किए हैं और क्षेत्रीय हवाई यात्रा के लिए एक बढ़ते व्यवसाय में योगदान दिया है। जिससे लगभग 800 विमानों के मौजूदा बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पर्यटन को बढ़ावा:
आरसीएस-उड़ान केवल टियर-2 और टियर-3 शहरों को अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ही समर्पित नहीं हैय यह पर्यटन क्षेत्र में तीव्र विकास करने में भी सहायक है। उड़ान 3.0 जैसी पहलों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई गंतव्यों को जोड़ने वाले पर्यटन मार्ग शुरू किए हैं। खजुराहो, देवघर, अमृतसर और किशनगढ़ (अजमेर) जैसे महत्वपूर्ण गंतव्यों तक अब पहुंच अधिक सुलभ है। यह धार्मिक पर्यटन की मांग को पूरा करता है।
हवाई संपर्क को बढ़ावा:
गुजरात के मुंद्रा से लेकर अरुणाचल प्रदेश के तेजू और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से लेकर तमिलनाडु के सलेम तक, आरसीएस-उड़ान ने देश भर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपस में जोड़ा है।
आम नागरिक के लिए बदलाव:
उड़ान योजना के तहत भारतीय विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। हेलीकॉप्टर मार्गों सहित 601 मार्गों को प्रारंभ किया गया है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ते हैं।
निष्कर्ष समावेशिता का एक प्रमाण:
उड़ान सिर्फ एक योजना नहीं हैय यह एक आंदोलन है जिसका उद्देश्य हर भारतीय के लिए हवाई यात्रा को सुगम बनाना है। क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और सस्ती हवाई यात्रा से अनगिनत नागरिकों की हवाई यात्रा की आकांक्षा पूरी हुई है।

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