वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 19 नवंबर। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में मिल रहे किसानों और जनता के भारी जनसमर्थन से घबराकर तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिया है। भाजपा सरकार ने किसानों को हर मौके पर अपमानित किया है। सैकड़ों किसानों की सच्ची मौत के आगे झूठी माफी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत साफ नहीं है, उसकी नज़र वोटो पर है। किसान और जनता इन्हें माफ नहीं करेगी। अब भाजपा का सफाया तय है।
श्री यादव आज प्रेस कांफ्रेन्स में मीडिया से कहा कि आंदोलन की सफलता के लिए किसानों, नौजवानों को बधाई दी। भाजपा से सावधान रहने को चेतावनी देते हुए श्री यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी भाजपा के अहंकार की हार और लोकतंत्र की जीत है। भाजपा सरकार को किसानों के हित से कोई मतलब नहीं। चुनाव में अपनी हार को सुनिश्चित जानकर ही भाजपा ने यह फैसला लिया है। इनका कोई भरोसा नहीं है, वह उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद दोबारा से यह कानून ला सकते हैं।
श्री यादव ने कहा लखीमपुर में किसानों को टायरों से कुचल दिया गया उनकी हत्या हुई, इसकी जिम्मेदारी से सरकार कैसे बच सकती है? जिस मंत्री के कारण लखीमपुर की घटना हुई, उसकी जिम्मेदारी से सरकार कैसे बच सकती है। घटना का जिम्मेदार मंत्री अभी भी केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में है। उसको अभी तक क्यों हटाया नहीं गया? किसानों को खाद, कीट नाशक के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। पूरे प्रदेश में किसान को कहीं धान की कीमत नहीं मिली। गन्ने का बकाया मूल्य नहीं मिला। डीजल-महंगा है।
श्री यादव ने कहा कि इसका भरोसा कौन दिलाएगा कि भविष्य में ऐसे कानून नहीं लाए जाएंगे, जो किसानों को संकट में डाले। भाजपा ने किसान विरोधी कानून वापस लेने का फैसला धोखा देने के लिए किया है। भाजपा की प्राथमिकता किसान नहीं वोट है। भाजपा को हटाए बिना किसानों का भला नहीं होगा।
श्री यादव ने कहा कि किसान और नौजवान जिस तरह से समाजवादी पार्टी की विजय यात्रा में सड़क पर निकले उससे लखनऊ ही नहीं, दिल्ली भी हिल गई है। अब किसानों-नौजवानों ने निश्चिय कर लिया है कि भाजपा को फिर सत्ता में नहीं आने देंगे।
