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राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए टीटीएलसे फेस-2 के अंतर्गत एमओयू

– प्रशिक्षार्थी नौकरी लेने वाले ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें – मंत्री कपिल देव अग्रवाल
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) अलीगंज, लखनऊ में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (TTL) द्वारा स्थापित अत्याधुनिक टीटीएल लैब में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता कपिल देव अग्रवाल की उपस्थिति में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच फेस-2 के अंतर्गत 62 राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रथम चरण में 149 आईटीआई के उन्नयन का कार्य शुरू हो चुका है, जहां प्रशिक्षण सुचारु रूप से चल रहा है। अब फेस-2 के तहत 62 और आईटीआई में अत्याधुनिक लैब की स्थापना से युवाओं को तकनीकी शिक्षा में बेहतरीन अवसर मिलेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना न केवल रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को टाटा टेक्नोलॉजीज और अन्य कंपनियों में बेहतर सेवायोजन के अवसर भी देगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रशिक्षार्थी नौकरी लेने वाले ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।
बताते चलें कि फेस-1 के तहत 26 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 150 राजकीय आईटीआई के आधुनिकीकरण के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया था। इस चरण में प्रति संस्थान 32.58 करोड़ रुपये की लागत से कुल 4887 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जिसमें राज्य सरकार का योगदान 713 करोड़ रुपये था। वर्ष 2024 में 149 संस्थानों में 13,808 की प्रवेश क्षमता के सापेक्ष 11,407 प्रशिक्षार्थियों ने दाखिला लिया। इन संस्थानों में 11 दीर्घकालिक व्यवसायों में से 3 का चयन कर प्रशिक्षण शुरू किया गया है। फेस-2 के तहत 62 आईटीआई और 5 सीआईआईआईटी के उन्नयन से प्रति वर्ष लगभग 10,000 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इन संस्थानों में इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस्ड सीएनसी मशीनिंग, 3डी प्रिंटिंग, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स जैसे आधुनिक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रति संस्थान 2 प्रशिक्षकों की तैनाती पहले दो वर्षों के लिए और 1 मास्टर ट्रेनर तीसरे व चैथे वर्ष के लिए की जाएगी।
एमओयू के तहत टाटा टेक्नोलॉजीज और उत्तर प्रदेश सरकार 62 राजकीय आईटीआई को आधुनिक तकनीकों से लैस करेगी। कुल 62 संस्थानों के लिए 2141.82 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का 12.36 प्रतिशत योगदान यानी 264.72 करोड़ रुपये और जीएसटी के रूप में 47.65 करोड़ रुपये शामिल हैं, जिससे कुल व्यय 312.37 करोड़ रुपये होगा। प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग डॉ. हरिओम ने कहा कि प्रशिक्षण इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के युवा न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी अपने कौशल का परचम लहरा सकें।
टाटा टेक्नोलॉजीज के वाइस प्रेसिडेंट एंड ग्लोबल हेड सुशील कुमार और वाइस प्रेसिडेंट पुष्पराज ने कहा कि कंपनी इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी से प्रगति कर रही है, जिससे रोजगार की नई संभावनाएं पैदा होंगी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 149 और अब द्वितीय चरण में 62 आईटीआई में लैब स्थापित कर प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया गया है।

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