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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 समारोह और वार्म-एस्ट 2025 का समापन

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। CSIR-IITR में महिलाओं के योगदान का उत्सव मनाने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन हुआ।
अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय, सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए अधिकार, समानता, सशक्तिकरण, सार्वभौमिक अधिकारों और अवसरों के महत्व पर जोर देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक महिला और लड़की न्यायसंगत तरीके से भविष्य में योगदान दे सके। अकादमिक अनुसंधान और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को मान्यता देते हुए, सीएसआईआर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (CSIR-IITR) ने 2023 में वार्म – वुमेन इन अकेडमिया, रिसर्च एंड मैनेजमेंट प्लैटफार्म का शुभारंभ किया। इस वर्ष सम्मेलन का तीसरा संस्करण आयोजित किया गया जिसका विषय था वुमेन इन अकेडमिया, रिसर्च, एंड मैनेजमेंट फॉर इंपावारिंग सक्सेसफुल ट्रांसफोरमेशन – वार्मेस्टस तीन दिवसीय सम्मेलन में टेस्ट-स्टेम (ट्रांस्लेटिंग – इमपावरींग सक्सेसफुल ट्रांसफोरमेशन इन साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनीयरींग एंड मैनेजमेंट ), HER (हेल्थ, एनवायरमेंट – रेगुलेटरी) जर्नी, SHE (शोकेशिंग हर एंटर्पि्रन्यरशिप) और WIIN (वुमेन एलईडी इंक्लूसिव इनोवेटिव नेटवर्किंग) के प्रासंगिक क्षेत्रों में व्याख्यान, आमंत्रित व्याख्यान, मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों का मिश्रण देखा गया। बौद्धिक विचार-विमर्श के अलावा अकेडमिया, गवर्नमेंट – इंडस्ट्री लीडरशिप (एजाईल), गवर्नमेंट, रिसर्च, अकेडमिया – इंडस्ट्री नेटवर्किंग (ग्रेन) और डिस्सेमिनेशन ऑफ एडुकेशनल, साइंस बेस्ड इन्फोर्मेशन रेलेवेंट टू सोसाइटी (डिजायर्स) पर पैनल चर्चाएं भी हुईं।
समापन समारोह की मुख्य अतिथि, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (DOPT) की संचार सलाहकार, राखी बख्शी ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं समाज में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने में सक्षम हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं में संतानोत्पत्ति और पालन-पोषण की जन्मजात क्षमता होती है, इसलिए समाज के लिए यह आवश्यक है कि वह जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की समावेशिता सुनिश्चित करे। मुख्य अतिथि डॉ. विश्वजननी जे. सत्तीगेरी, प्रमुख, सीएसआईआर- ट्रैडीशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) इकाई नई दिल्ली ने बताया कि सरकार महिलाओं के लिए करियर संबंधी कार्यक्रमों के माध्यम से अनुसंधान और रोजगार के सभी क्षेत्रों में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए लगातार पहल कर रही है।
मुख्य अतिथि अनुजा आनंद, निदेशक एवं प्रमुख ऑपरेशन (टेस्टिंग) नेशनल अक्क्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन (NABL), गुरुग्राम ने अपने अनुभव और परीक्षण एवं कैलिब्रेशन क्षेत्र में उनके सामने आई चुनौतियों को साझा किया, जो लंबे समय तक मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा संचालित था। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सीएसआईआर आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के नारीवादी होने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व डॉ. के सी खुल्बे, अध्यक्ष, आयोजन समिति ने सभा का स्वागत किया तथा डॉ. अरुणा सतीश, संयोजक, आयोजन समिति ने सम्मेलन का सारांश प्रस्तुत किया। डॉ. स्मृति प्रिया, प्रधान वैज्ञानिक, CSIR-IITR ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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