वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। राष्ट्रपति और राज्यपाल के अधिसूचना से मछुआ समुदाय का सम्मान, सुरक्षा, समृद्धि, शिक्षा, नौकरी, राजनीतिक पद, जमीन, जायदाद बहन बेटियां और परिवार अनुसूचितजाति अधिनियम से सुरक्षित है। इस अधिनियम से चमार भाइयों की तरह मछुआ समुदाय के लोग भी सुरक्षित हैं। इसे लागू कराने के लिए एक हैॅ तो सेफ हैॅ नारे के साथ संवैधानिक अधिकार न्याय यात्रा में शामिल हो। राज्यपाल के 31 दिसम्बर 2016 के अधिसूचना से मछुआ समुदाय अब पिछड़े में नहीं है। उक्त उत्तर प्रदेष सरकार के मत्स्य मंत्री डाॅ संजय कुमार निषाद ने कही।
डाॅ निषाद ने निषाद समाज से अपील करते हुए कहा कि आने वाले जनगणना मैं जाति के कॉलम में अनुसूचित और उपजाति के काल में रुमझवार और रुतुरैहा लिखें। उन्होंने सरकार से ’’मझवार/ तुरैहा’’ जाति के सभी उपनामित जातियों को अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र जारी करने का अनुरोध किया है।
