– मुख्य अभियता आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच के लिए अधिशासी अभियंता बक्शीपुर से दो कार्य दिवस के भीतर रिपोर्ट तलब की है। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
गोरखपुर। बिजली विभाग क्या क्या कारनामा करे दे लोग दांतो तले अंगुली दबा ले, बस एक ही आवाज आयेगी, …है तो सब सम्भव है। बिजली निगम बक्शीपुर खंड में गड़बड़झाला सामने आया है। दो महीने पहले जिन डेढ़ लाख के बकाएदार उपभोक्ता की मृत्यु हो चुकी थी, उनके घर के परिसर में उनके ही नाम पर दूसरा बिजली कनेक्शन जारी कर दिया गया। 19 सितंबर 2024 को उपभोक्ता ने आवेदन किया और 10 अक्तूबर 2024 को कनेक्शन जारी कर दिया गया। छोटे बेटे ने आरोप लगाया कि बड़े भाई ने पिता के नाम पर फर्जी एनओसी बनवाकर जेई और लाइनमैन के साथ साठगांठ करके यह खेल खेला है। मुख्य अभियंता ने शिकायती पत्र का संज्ञान लेकर एक्सईएन से मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य अभियंता कार्यालय में सोमनाथ गुप्ता नाम के उपभोक्ता ने शिकायत की है। जटेपुर उत्तरी, काली मंदिर निवासी सोमनाथ ने बताया कि घर में बिजली कनेक्शन लंबे समय से संचालित है, जिसका खाता संख्या 2518312000 है। यह कनेक्शन पिताजी दिवंगत काशीनाथ गुप्ता के नाम पर है। इस कनेक्शन पर पहले डेढ़ लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था। गलत बिजली बिल आने से इसमें सुधार के लिए आवेदन कर रहा था। विधानसभा चुनाव से पहले ही इसे सही कराने के लिए निगम के चक्कर लगा रहे थे। शिकायत खंड के एक्सईएन से की गई तो उन्होंने परिसर का मीटर बदलवा कर नया लगवाकर बिल संशोधन करवा दिया। इसके बाद बकाया 52 हजार रुपये हो गए। बाद में ये बकाया बढ़कर एक लाख रुपये से भी अधिक हो गया है, लेकिन जेई दुर्गाबाड़ी अंकित मिश्रा, एसडीओ और लाइनमैन ने मिलकर परिसर पर बकाया होने के बाद फर्जी मृत पिता के नाम की एनओसी के सहारे परिसर पर दूसरा बिजली कनेक्शन जारी करवा दिया।
शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि मेरे द्वारा इस संबंध में कई बार एसडीओ से शिकायत कर पूरी बात बताई गई। लेकिन, उन्होंने शिकायत को न गंभीरता से लिया और न ही मामले की जांच करवाने का निर्देश दिया। मुख्य अभियंता के लिखे पत्र में उन्होंने मांग की है कि फर्जी प्रपत्रों के आधार पर बकाएदारी के परिसर में लगे दूसरे नए बिजली कनेक्शन को तत्काल बंद करवा जाए। मामले की जांच कर दोषी जेई, लाइनमैन और एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इससे दोबारा ऐसे किसी उपभोक्ता के साथ छलावा न हो सके।
बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के जारी कर दिया कनेक्शन:
शिकायती पत्र का संज्ञान लेकर मुख्य अभियंता ने मामले की पहले अपने स्तर से जांच करवाई। अगर शिकायती पत्र के तथ्यों को सही माना जाए तो ये कनेक्शन पूरी तरह गलत है। सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया है कि इसमें पाया गया कि मृतक के नाम से बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के और दोनों भाइयों के बीच बंटवारे के प्रपत्रों की जांच नहीं की गई। मृतक के नाम से जारी पहले के बिजली कनेक्शन का स्थाई विच्छेदन और बकाया समाप्त नहीं करवाया गया। परिसर पर 10176 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था। इतने के बाद भी सिर्फ एक शपथ पत्र पर पिता की फोटो और अंग्रेजी में हस्ताक्षर कर उसे निगम में दे दिया गया और जेई और एसडीओ ने बिना इसके भौतिक सत्यापन कराए बकाया होने के बाद भी नया बिजली कनेक्शन जारी कर दिया।
जानकारों ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड 2005 के तहत, अगर कोई किराएदार किसी भवन में संचालित बिजली कनेक्शन के अलावा अपना निजी कनेक्शन लेना चाहता है तो वैसी स्थिति में शपथ पत्र का प्रयोग होता है। ये शपथ पत्र मूल मालिक के द्वारा अपने किराएदार के पक्ष में लिखा जाता है। इसके अलाला किराएदारी शपथ पत्र और इन सब के आधार पर प्रपत्रों के सहारे एक परिसर में दूसरा कनेक्शन जारी होता है। इसके अलावा वारिसान परिवर्तन में सबसे पहले बकाएदारी को पूरी तरह शून्य करना होगा। इसके बाद वारिशों की आपसी सहमति और भौतिक सहमति के साथ ही पूर्व के कनेक्शन धारक का अगर वो जिंदा नहीं हैं तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी प्रपत्रों की जरूरत पड़ती है। आरोप है इन नियमों का इसमें पालन नहीं किया गया।
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