वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों के प्रति गहरा प्रेम और संवेदनशीलता, उनके द्वारा लिए गए निर्णय, नीतियों और योजनाओं में स्पष्ट नजर आती है। अन्नदाताओं का जीवन बदलना ही उनका प्रथम लक्ष्य है और संकल्प भी। यही कारण है कि सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कृषि और किसान सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहे। उनके नेतृत्व में, सरकार किसानों के सशक्तीकरण और कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) जैसी नीतियों में स्पष्ट रूप से झलकता है।
भारत में फसल के बाद होने वाले नुकसान एक बड़ी चुनौती हैं, जो कृषि क्षेत्र की क्षमता और लाखों किसानों की कड़ी मेहनत को प्रभावित कर रहे हैं। हाल के अनुमानों के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष इसके कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 16-18% नष्ट हो जाता है। ये नुकसान कटाई, थ्रेसिंग, भंडारण, परिवहन और प्रसंस्करण सहित विभिन्न चरणों के दौरान होते हैं। उचित भंडारण की कमी, कोल्ड चेन और अपर्याप्त प्रसंस्करण इकाइयाँ, कुशल लॉजिस्टिक्स का आभाव इन बड़े नुकसानों में योगदान करते हैं, जिससे देश की समग्र खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए इन्हे मजबूत करने की दिशा में मोदी सरकार नए सिरे से काम कर रही है
प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के परिणामस्वरूप अगस्त 2024 तक योजना के लाभ के लिए पात्र 35,747 करोड़ रुपये सहित इस योजना के तहत स्वीकृत राशि 47,500 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है और 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण हो चुका है। उल्लेखनीय रूप से, स्वीकृत परियोजनाओं में से 54ः योजनाएं किसानों, सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं, जो प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकता के अनुरूप खेत-स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में किसानों की मजबूत भागीदारी को प्रदर्शित करती हैं।
एआईएफ से कृषि अवसंरचनाओं के विकास को नई गति मिली है। अगस्त 2024 तक, एआईएफ के तहत देश भर में एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित 74,695 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन इंफ्रास्ट्रक्चर में 18,508 कस्टम हायरिंग सेंटर, 16,238 प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र, 13,702 गोदाम, 3,095 छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, 1901 कोल्ड स्टोर और कोल्ड चेन और 21,251 अन्य प्रकार के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। 74,695 परियोजनाओं की मंजूरी से कृषि क्षेत्र में कुल 78,702 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी है, बल्कि युवाओं और किसानों के बीच उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहित किया है, जिससे लगभग 50,000 नए कृषि उद्यम स्थापित हुए हैं। सरकार के प्रयासों से युवा भी कृषि की और आकर्षित हो रहे हैं, जो कि कृषि के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।यह कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इन प्रयासों ने 800,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए हैं, और भविष्य में यह संख्या और भी बढ़ेगी, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 2.5 मिलियन नौकरियों का सृजन होगा। क्रेडिट गारंटी समर्थन और ब्याज छूट के माध्यम से, ऋण देने वाली संस्थाएं न्यूनतम जोखिम के साथ ऋण दे सकती हैं, जिससे उनके ग्राहक आधार और पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन का विस्तार करने में सहायता मिलती है। विशेष रूप से, इस फंड ने नाबार्ड की पुनर्वित्त सुविधा के साथ मिलकर एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में शामिल प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के लिए प्रभावी ब्याज दर को घटाकर 1% कर दिया है। इससे इन पैक्स से जुड़े हजारों किसानों को महत्वपूर्ण लाभ हुआ है। आज तक, एआईएफ के तहत 2,970 करोड़ रुपए के ऋण के साथ 9,573 पैक्स परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें नाबार्ड से सैद्धांतिक मंजूरी भी शामिल है।
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