वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। मुस्लिम पसमांदा समाज में बड़ी बिरादरी, देश के फल, सब्जी, मछली मण्डी में मुख्य व्यापार में अच्छी संख्या, राजनीतिक भागीदारी में चेयरमैन, प्रधान, जिला पंचायत सदसय, सभाषद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक की उल्लेखनीय संख्या, पंचायत निजाम के माध्यम से समाजिक बुराईयों को दूर करके समाजिक सहायता प्रदान करना और धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी, शिक्षा और चिकत्सा के क्षेत्र में कार्य करते रहने पर भी राईन बिरादरी (राईन समाज) खुद को हाशिए पर मरनतील है। इस परिपं्रेक्ष्य में संस्था आल इन्डिया जमीयतुर राईन ने एक प्रेस कांफ्रेस में अपनी स्थिति बयां की।
प्रेस वार्ता में जमीयतुर राईन के प्रदेष अध्यक्ष वसीम राइनी ने बताया कि राईन समाज कुल मुसलमानों का 85 पसमांदा मुसलमानें का एक हिस्सा है। आने वाले 3 नवम्बर को स्वीन्द्रालय प्रेक्षागृह लखनऊ में संस्था जमीयतुर राईन के तत्वाधान में पसमांदा राईन एकता महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें राईन समाज की एकता एकजहती, सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक, विधिक, आर्थिक, व्यवसायिक वैवाहिक परिचय की बातें की जाएगी।
वसीम राइनी ने कहा कि 2 आबादी वाले लोग एकजुट हो कर सरकार में अपनी भागीदारी ले रखी है और सरकार उन्हे तवज्जे दे रही है जबकि राईन समाज कसीर तादाद में हेते हुए भी आज तक किसी भी सरकार ने इस समाज की ओर ध्यान नही दिया है। राईन समाज सरकार से मांग करता है कि धारा 341 में संशोधन कर दलित समाज के साथ साथ राईन समाज को भी जोड़ा जाना अति आवश्यक है।
