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भोजपुरी में पहली बार ब्लूज प्रोग्रेशन संगीत का प्रयोग: मनोज भावुक

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। मनोज भावुक के गीत “राह बाटे कठिन, मगर बाटे” को स्वर दिया है कल्पना पटवारी ने। कल्पना ने अपने जन्मदिन पर इस वीडियों को जारी किया है।
लोकप्रिय गायिका कल्पना पटवारी नित नए प्रयोग की हिमायती रही हैं। कुछ वर्ष पूर्व कोक स्टूडियो में लोक गीत बिरहा का आधुनिक संगीत के साथ ऐसा फ्यूजन किया था कि ये सॉन्ग जमकर हिट हुआ। कल्पना 27 अक्टूबर को अपने जन्मदिन पर फिर से एक बार एक नए प्रयोग के साथ हाजिर हुईं हैं। पहली बार भोजपुरी में ब्लूज प्रोग्रेशन संगीत का प्रयोग हुआ है। सुप्रसिद्ध गजलकार मनोज भावुक के गजल “राह बाटे कठिन, मगर बाटे” को स्वर दिया है सुरीली गायिका कल्पना पटवारी ने, इस सॉन्ग में ब्लूज प्रोग्रेशन संगीत का प्रयोग हुआ है। संगीत काकुल भराली का है।
ध्रुव घनेकर के एल्बम वॉयेज 2 में भी कल्पना शामिल हैं, जो वर्तमान में ग्रैमी अवार्ड्स के लिए विचाराधीन है। जबकि मनोज भावुक भोजपुरी के मशहूर शायर हैं। मनोज को उनके भोजपुरी गजल-संग्रह के लिए सिनेहस्ती गुलजार और ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी के हाथों भारतीय भाषा परिषद द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भोजपुरी साहित्य के लिए फिल्मफेयर और फेमिना द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
बताते चलें कि ‘राह बाटे कठिन’ वीडियो Kalpana Patowary Official से रिलीज किया गया है। https://youtu-be/3gAfWsinlLI\si¾BRks57nÛ03SZiv0 इस अनोखे प्रयोग को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
गजल :
राह बाटे कठिन, मगर बाटे। चाह बाटे अगर, डगर बाटे।।
होखे खपरैल भा महल होखे। नेह बाटे तबे ऊ घर बाटे।।
तींत भा मीठ जे मिलल हक में। ऊ त भोगे के उम्र भर बाटे।।
दर्द खउलत बा दिल के अदहन में। यार के घात के असर बाटे।।
बात ऊ सब भुला दीं, जवना से। जिन्दगानी भइल जहर बाटे।।
आखिरी मान के जिहीं हर पल। का पता कब ले ई सफर बाटे।।
काल्ह होई बिहान ए भावुक। ई अन्हरिया त आज भर बाटे।।


मनोज भावुक : राह बाटे कठिन

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