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भारतीय कृषि का अमृतकाल – शिवराज सिंह चैहान

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
भोपाल। कृषि विकास और किसान कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अन्न के माध्यम से हमारे जीवन संचालन के सूत्रधार अन्नदाता के जीवन में सुख-समृद्धि लाना हमारा संकल्प है। इस संकल्प की पूर्ति के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। किसान की आय बढ़ाने के लिए हमने छह सूत्रीय रणनीति बनाई है। उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम दिलाना, प्राकृतिक आपदा में राहत की उचित राशि दिलाना, कृषि का विविधीकरण तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना इसके अहम पहलू हैं। उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए सबसे जरूरी हैं अच्छे बीज, जो कम पानी और विपरीत मौसम में भी बेहतर उत्पादन में सक्षम हो सकें। ऐसे बीजों की 109 नई किस्मों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र और किसानों को समर्पित किया है।
बीते 10 वर्षों में कृषि परिदृश्य तेजी से बदला है। ग्लोबल वार्मिंग तथा पर्यावरण असंतुलन जैसी समस्याओं के बीच उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती खड़ी हो गई है। इस चुनौती से निपटने के लिए अगले पांच वर्षों में हमारा लक्ष्य जलवायु अनुकूल फसलों की 1500 नई किस्में तैयार करने का है। वर्तमान में विज्ञान से ही किसानों का कल्याण संभव है। मुझे अपने कृषि विज्ञानियों पर गर्व है जो जलवायु अनुकूल किस्में तैयार कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि कृषि में किए जा रहे नवाचारों से कृषि एवं किसान कल्याण सुनिश्चित होगा।
किसान होने के नाते मैं भलीभांति समझता हूं कि बढ़िया उत्पादन के लिए अच्छे बीज कितने आवश्यक हैं। अगर बीज उन्नत और मिट्टी एवं मौसम की प्रकृति के अनुकूल होंगे तो उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। मोदी ने यह समझा और व्यापक विजन के साथ इस दिशा में कार्य करने के लिए मार्गदर्शित किया। विविधता भारतीय कृषि की विशेषता है। यहां कुछ दूरी के अंतराल पर ही खेती का मिजाज बदल जाता है। जैसे मैदानी खेती अलग है तो पहाड़ों की खेती अलग। इन सभी भिन्नताओं और विविधताओं को ध्यान में रखते हुए फसलों की 109 नई किस्में जारी की गई हैं। इनमें खेती की 69 किस्में और बागवानी की 40 किस्में राष्ट्र को समर्पित कर दी गई हैं। भारत को ग्लोबल न्यूट्रिशन हब बनाने और श्रीअन्न को प्रोत्साहित करने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है।
हमारा संकल्प है कि किसान के परिश्रम का उचित मूल्यांकन हो और उन्हें फसलों का उचित दाम मिले, इसके लिए हम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कर रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में है और उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ भारत की चिंता भी रही है कि मानव शरीर और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित उत्पादन हो। आज भारत नई हरित क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारे अन्नदाता ऊर्जादाता तथा ईंधनदाता भी बन रहे हैं। मोदी जी के प्रयासों से खेती के साथ ही पशुपालन, मधुमक्खी पालन, औषधीय खेती, फूलों-फलों की खेती सहित अन्य संबंधित क्षेत्रों को सशक्त बनाया जा रहा है। मोदी का विजन है कि भारत कृषि में आत्मनिर्भर बने। इस दिशा में भी रणनीति बनाकर कार्य किया जा रहा है।

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