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सरकार में पसमांदा समाज की भागीदारी सुनिश्चित कराएंगे: मोहम्मद युनुस

वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार
बहराइच। बहराइच में मुस्लिम समुदाय की कुल आबादी में लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा पसमांदा समाज का है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें शासन-प्रशासन, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आज भी हाशिए पर रखा गया है। अब समय आ गया है कि हम अपनी राजनीतिक, शैक्षणिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करें, यह बात ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम समाज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद युनुस ने कही।
मोहम्मद युनुस ने कहा कि पसमांदा समाज को लंबे समय से दबाया गया है, विशेषकर अशराफ तबके द्वारा, जिससे वह शिक्षा, रोजगार और सम्मानजनक जीवन से वंचित रह गया। हमारा संगठन देशभर में पसमांदा समाज के अधिकारों की आवाज उठा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि समाज की साक्षरता दर 100 प्रतिशत हो, ताकि यह वर्ग राष्ट्र निर्माण में अपनी सशक्त भागीदारी निभा सके और खुद को कभी भी कमजोर न समझे।
श्री युनुस ने यह भी कहा कि अब पसमांदा समाज को केवल अनुयायी नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता बनना होगा। जब तक यह समाज खुद नेतृत्व की भूमिका नहीं निभाएगा, तब तक उनके अधिकारों की रक्षा और सम्मान संभव नहीं है।
बहराइच के विकास पर जताई चिंता:
मोहम्मद युनुस ने बहराइच जिले के विकास कार्यों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि मैं इसी जिले का रहने वाला हूं। हाल ही में मैंने जिले के कई क्षेत्रों में जमीनी हालात देखकर अफसोस हुआ। सरकार द्वारा विकास के लिए बजट और योजनाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन उनका समुचित क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी धन का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे सरकार से मांग करेंगे कि बहराइच जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में ठोस पहल की जाए, ताकि यहां की जनता को उनका वास्तविक हक मिल सके।
मौके पर संगठन से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी नफीस अंसारी, दोस मुहम्मद, इबादुल हक, बदरुद्दीन आदिल, शादाब, फुजैल, और हलीम अंसारी भी मौजूद रहे।

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