– सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय देव भाषा संस्कृत का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है।
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का है। संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा। संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व होना चाहिये। प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही है। संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत है। मुख्यमंत्री आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रुपये छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की। उन्होंने 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की धनराशि के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा को विश्वविद्यालय में समारोह के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह समारोह संस्कृत तथा भारतीय संस्कृति के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस देश की विरासत जितनी प्राचीन होती है, वहां उतने ही अधिक पर्व और त्योहार होते हैं। देश में धनतेरस से लेकर छठ पर्व तक अनेक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। सर्वत्र खुशी तथा उल्लास का वातावरण होगा। यह खुशी हम सभी में दिखनी चाहिए।
उच्च शिक्षा मंत्रीयोगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि दुनिया की सांस्कृतिक एवं शिक्षा की राजधानी काशी में 235 वर्ष प्राचीन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय देव भाषा संस्कृत का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है। संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति को जीवन्त बनाने में अपना योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारी संस्कृति निरन्तर बलवती हो रही है। भारत संस्कृति तथा आध्यात्मिक चेतना की धरा है। मुख्यमंत्री का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है।
कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन है। मुख्यमंत्री ने अपने सुशासन के माध्यम से देश के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा प्रदान की है। इसके पूर्व, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा तथा श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो0 नागेन्द्र पाण्डेय ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्यगण, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया तथा बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की।
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