अजय कुमार वर्मा
लखनऊ । यह भारत के लिए ऐतिहासिक पल है जब एक खुद भूखा रहने वाला बच्चा जिसने कभी फेंका हुआ खाना खाया है निरंतर 16 वर्षों से कैंसर पीड़ित तीमारदारों की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया, भोजन व्यवस्था के साथ राजधनी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू), डाक्टर राम मनोहर लोहिया संस्थान, बलरामपुर जिला अस्पताल में रोड किनारे रहने को मजबूर सर्दी गर्मी बरसात से लड़ने वाले तीमारदारो की सेवा हेतु आठ आदर्श रैन बसेरे बनाए, जिसमें 600 सौ से अधिक जरूरतमंद लोग आराम से रहकर अपने परिजनों का इलाज करा रहे हैं, साथ ही साथ मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिऐ भोजन की भी उचित व्यवस्था निरंतर करते आ रहें है। कैंसर पीड़ित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने हेतु एक मिनी पिक्चर हॉल बनाया जहां पर बच्चे अपनी बीमारी से लड़ते हुए कार्टून पिक्चर देखकर हंसते हैं खिलखिलाते हैं और जल्दी ठीक हो जाते हैं।
कोविड महामारी के दौरान जहां पर कहीं ऑक्सीजन रेगुलेटर नहीं मिल रहा था। वहां नल की टोटी से बनाया ऑक्सीजन रेगुलेटर और सैकड़ो लोगों का जीवन बचाया।
सरकार ने अटल बिहारी वाजपेई कोविड सेंटर जो कि राजनाथ सिंह द्वारा बनवाया गया एवं डीआरडीओ कॉविड सेंटर ब हज हाउस कॉविड केंद्र की जिम्मेदारी फूडमैन को दी। कोविद महामारी के दौरान पांच कम्युनिटी किचन बनाकर 24 घंटे कॉल सेंटर पर उपलब्ध हो रात के दो-दो बजे तक भूखे बच्चों तक दूध भोजन आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई। राहत एवं आपदा आयुक्त कार्यालय में पहुंचाएं 750000 लाख से अधिक भोजन पैकेट।
पुण्यों का फिक्स डिपोजिट :
विशाल सिंह फूडमैन अपने व्यवहारिक जीवन में ज्योतिष विज्ञान पर भी कार्य करते हैं एक हस्तरेखा विशेषज्ञ है। कई प्रधानमंत्री को हाथ देखने का उनका सौभाग्य मिला उन्होंने कोटेशन बनाई है जिसको उन्होंने नाम दिया पुण्यो का फिक्स डिपाजिट। उनका ही कहना है कि जिस प्रकार एचडी फिक्स डिपाजिट इसी जन्म में काम आता है उसी प्रकार पुण्य का फिक्स डिपाजिट यथार्थ एवं परमार्थ को सुधरता है यानी कि इस जन्म और आने वाले जन्म में आपके निजी कार्यों के माध्यम से आपके परिवार पर आनंद की वर्षा करता है इस विषय को जो भी समझ जाए तो शायद वह इस जीवन को सार्थक कर देगा। अभी फूडमैन पर एक मूवी बनने के लिए भी प्रस्ताव आया है जिस प्रकार उन रियलिटी की स्टोरी Spider-Man / Batman / Superman लोगों की प्रेरणा हेतु फूड मैंने एक रियल स्टोरी है, जिसमें खुशबू के बच्चे की कहानी जिसने कभी फेंका हुआ खाना खाया और आज अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है लोगों की भूख मिटाने हेतु उसी का नतीजा यह है कि विश्व के एक बड़े प्लेटफार्म पर फूडमैन को विदेश बुलाया जा रहा है और उनके नेतृत्व में हंगर फ्री वर्ल्ड मुहिम का आगाज किया जाएगा और हंगर इंडेक्स में नीचे गिरने वाले देशों में हर वर्ष यह मीटिंग होगी और कैसे देश को भूख मुक्त किया जा सकता है इस पर चर्चा विचार विमर्श गोष्ठी एवं कार्य किए जाएंगे।
विशाल सिंह थोड़ा सा निराश भी है यहां की सरकार और उनके कामकाज के तरीके से कि जब कभी जरूरत होती है तो सरकार के 9 महीने आपको बुलाते हैं और फिर आपको झटक कर बाहर कर देते हैं ऐसे कुछ अधिकारी बहुत कम है जो आपकी सर संभव मदद करते हैं। विशाल बताते हैं कि ऐसे पॉजिटिव लोग भी हैं जो आज उनको समझ में संभव मदद करने का प्रयास कर रहे हैं। आज कुछ ऐसे आईएएस अधिकारी के साथ-साथ कुछ मानवता के लोग भी हैं जो उनकी संभव मदद कर रहे हैं जो उनका मनोबल है वरना वह कहते कि मैं तो कब का टूट गया था अगर आज यह कुछ लोग मेरे साथ ना खड़े होते तो मैं टूट गया था।
तीन बार डिप्रेशन का शिकार भी हुए :
एक बच्चा जो कभी भूख से लड़ा और एक वक्त बहुत अच्छा बिजनेस एस्टेब्लिश कर लिया और वह एकदम से छोड़कर सन्यास लेता है और अपने घर में जाता है कि मुझे अब इस चमक दमक लड़ाई में नहीं पड़ना मुझे समाज हेतु मेरे कमिटमेंट को पूरा करना है और सारा काम छोड़ देता है तो ऐसे में *सबसे पहले घर वालों ने पागल घोषित कर दिया। दोस्त यार जो अक्सर साथ में रहते थे वो सब भी साथ छोड़कर चले गए धीरे-धीरे कमाई हुई सारी व्यवस्थाएं चूर हो गई इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने में लेकिन विशाल का यह कहना है कि मैं वही हूं जब मेरे पास जीवन में कुछ भी नहीं था परमात्मा की बनाई हुई चीज परमात्मा की चरणों में समर्पित कर दी, यह तो मेरा सौभाग्य है लोग जहां अपने ऊपर धन को खर्च कर परेशान हो जाते हैं या बीमारी में पैसा खर्च हो जाता है यहां तो लोगों की सेवा में धन खर्च हुआ यह मेरा सौभाग्य है । कलयुग में बहुत कम लोगों को सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त होगा ।अगर परमात्मा आपसे खुश है तो वह आपको सेवा के कार्य हेतु प्रेरित करेगा वरना कलयुग रूपी राक्षस आपको सेवा के मार्ग से हटाएगा। जिन लोगो पर परमपिता परमात्मा कृपा होगी वह इस मार्ग पर अग्रसर हो सेवा के दीप जलाएगा और यह सौभाग्य का विषय है कि आपने अपने मानव होने का फर्ज अदा किया ।अपने अपने सबसे अच्छी योनि में जन्म लिया और उसके बाद भी यदि आप कुछ सार्थक कार्य न कर पाए नर सेवा नारायण सेवा सेवा परमो धर्म विचार को आगे ना बढ़ा पाए तो शायद यह है आपके मानव होने के विचार को सार्थक नहीं करेगी आप मानव तब हैं जब किसी जरूरतमंद के काम आए जन-जन तक चेतन फैलाने का प्रयास कर रहा हूं : अगर पूरे दिन में एक भी व्यक्ति मुझसे कन्वेंस होता है और कुछ मुट्ठी राशन निकालने के विचार पर सहमत होता है तो मेरा पूरा दिन सफल हो जाता है |