– गौ माता भारतीय धर्म-संस्कृति की आत्मा, इनकी रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा
– गाय का दूध अमृत तो गोमूत्र और गोबर भी औषधि से कम नहीं
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
प्रयागराज। जगद्गुरुशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने माघ मेला क्षेत्र में गंगा पूजन कर गौ माता को राष्ट्र माता बनाने का संकल्प दोहराया। शनिवार की दोपहर उन्होंने संत-महात्माओं, अपने भक्तों एवं अनुयायियों के साथ मां गंगा का विधि-विधान से पूजन अर्चन किया। उन्होंने गौ रक्षा और गौ माता को राष्ट्र माता का आसन प्राप्त कराने के निमित्त किए गए संकल्प की पूर्णता के लिए माँ गंगा से कामना की। शंकराचार्य ने विशिष्ट वैदिक मंत्रों के उच्चारण के मध्य गंगा पूजन के विधान पूर्ण किए। उन्होंने रामागौ माता की पूर्ण तन्मयता के साथ पूजा करते हुए अपने संकल्प से उपस्थित जन मानस को परिचित करवाया। पूजन कार्य तीर्थ पुरोहित पण्डित पशुपतिनाथ तिवारी, पण्डित दिवाकर शास्त्री ने पूर्ण कराया। गौ-गंगा पूजन के समय महामंडलेश्वर सहजानंद, जगदीशानंद, ब्रह्मविद्यानंद, मेला संयोजक राम सजीवन शुक्ल, डॉ. शैलेंद्र योगीराज सहित अनेकानेक अनुयायी उपस्थित रहे।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: ने कहा कि गौ माता भारतीय धर्म-संस्कृति की आत्मा हैं। गौ माता का पालन करके भारतीय समाज सर्वभांति आर्थिक उन्नयन प्राप्त कर सकता है। गौ से प्राप्त होने वाले प्रत्येक अवयव मनुष्य मात्र के कल्याण का हेतु हैं। उनका दूध तो अमृत है ही। गोमूत्र और गोबर भी किसी औषधि से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन वे सारे लोग सुरक्षित बच गए थे जिनके घर गाय के गोबर से लीपे हुए थे। जिस गौ माता का गोबर इतना चमत्कारी है उनके दूध में कितनी शक्ति होगी इसका अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है। दुर्भाग्यवश कुछ कुटिल प्रकृति के लोग हमारे भारतीय गोवंश का सत्यानाश करने पर लगे हुए हैं। उनके मांस का कारोबार करके अधिक से अधिक धन अर्जित करने की फिराक में लगे लोग भारतीय मूल गायों का संकरीकरण करने पर अमादा है। हमें न सिर्फ गाय के मांस का कारोबार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने के लिए अभियान चलाना है बल्कि गौ माता के संकरीकरण को भी रोकना है। जब हम गौ माता की रक्षा करने के लिए तत्पर होंगे तभी हम राष्ट्र रक्षा की ओर भी अपने कदम बढ़ा सकेंगे।
आज शंकराचार्य गौ सेवकों को लेकर मेले के भ्रमण पर निकलेंगे और कल्पवासियों को गौ माता के रक्षणार्थ प्रेरित करेंगे।