वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 11 नवम्बर। चिड़ियाघर परिसर में नई विधानसभा भवन बनाने के प्रस्ताव को निरस्त कराने हेतु षहर के नागरिकों में काफी रोष है। तमाम प्रकृति प्रेमियों ने विभिन्न माध्यमों से इसको रोकने का आग्रह किया है। प्रकृति प्रेमी अधिवक्ता विद्याधर उपाध्याय ने कहा पशु तो कहीं भी शिफ्ट हो जाएंगे लेकिन जो प्रकृति का नुकसान होगा, 100 प्रजातियों के 5000 से अधिक वर्षों पुराने अनमोल वृक्ष कटेंगे, जिसमें बरगद और पारिजात जैसे पेड़ भी शामिल है।
अधिवक्ता विद्याधर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि आपके अतुलनीय नेतृत्व में प्रदेश में बहुत सारे विकास के कार्य हुए, कानून और व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हुआ और सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझा गया और इस पर कार्य भी हुआ। आपने गायों की सेवा के लिए गौशाला के निर्माण का अति प्रशंसनीय कार्य करवाया और देसी नस्ल के वृक्षों को रोपित करवा प्रदेश में हरियाली का विस्तार भी किया। लेकिन, एक तरफ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का अति धार्मिक कार्य हो रहा है, तो दूसरी तरफ चिड़ियाघर परिसर में नए विधानसभा भवन के निर्माण का अधर्मी प्रस्ताव रखा गया है। अगर आपने इसे निरस्त नहीं किया, तो बड़ा अधर्म हो जाएगा। अनगिनत निर्दोष पक्षियों, कीड़े-मकोड़ों और कीट-पतंगों के भोजन का स्रोत और आशियाना छिन जाएगा। वृक्षों से प्राप्त होने वाले आक्सीजन एवं अन्य लाभ से लखनऊ निवासी हमेशा के लिए वंचित हो जाएंगे। यकीनन, अगर एक उम्रदराज वृक्ष 100 नए पौधे रोपित भी किए जाएं, तो भी वे उसकी बराबरी नहीं कर सकते।
अतः आपसे विनम्र आग्रह है कि, चिड़ियाघर परिसर में विधानसभा भवन निर्माण के अधर्मी प्रस्ताव को धर्म, पर्यावरण, और लखनऊ निवासियों की सेहत के हित में निरस्त करें। श्री उपाध्याय ने यह भी आग्रह किया है कि चिड़ियाघर परिसर को सिर्फ पर्यावरण संरक्षण कार्य हेतु इस्तेमाल के लिए घोषित करने, और उस परिसर में कोई भी नए कंक्रीट भवन बनाने पर प्रतिबंध लगाने, विषयक शासनादेश जारी करें। जिससे कि भविष्य की सभी सरकारों पर यह बंधन लागू रहे। चिड़ियाघर परिसर को सिर्फ पर्यावरण संरक्षण कार्य हेतु इस्तेमाल के लिए घोषित करने, और उस परिसर में कोई भी नए कंक्रीट भवन बनाने पर प्रतिबंध लगाने, विषयक जारी करें , जिससे कि भविष्य की सभी सरकारों पर यह बंधन लागू रहे।
श्री उपाध्याय ने यह भी आग्रह किया है कि आदेश पारित करें कि चिड़ियाघर परिसर को लखनऊ के फेफड़ों की तरह रहने दिया जाए और वहां Sparrow Park, औषधिय पौधे के रोपण एवं अन्य पर्यावरण संरक्षण के कार्य किए जाएं। चिड़ियाघर के कुछ पार्को को बच्चों के खेलने एवं परिसर को वरिष्ठजनों के Walk के लिए भी घोषित किया जाए। चिड़ियाघर परिसर में विधानसभा भवन के अधर्मी प्रस्ताव को निरस्त करने एवं चिड़ियाघर परिसर में किसी भी नए कांक्रीट भवन के निर्माण को रोकने और उसे पर्यावरण संरक्षण कार्य हेतु घोषित करने, के पावन कार्य की उम्मीद, लखनऊ निवासी और खास कर बच्चे और भविष्य की पीढ़ियों के तरफ से सिर्फ आप जैसे सादगी पसंद, संवेदनशील और धार्मिक व्यक्ति से ही कर सकते हैं।