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रेन वाटर हार्वेस्टिंग और तालाब पुनर्जीवन पर जोर, योगी सरकार ने बनाई नई रणनीति

– नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा
– 6,448 चेक डैम से बढ़ी सिंचाई क्षमता, अब तालाब और ब्लास्टकूप को मिलेगा नया जीवन
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जल संकट आज वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर एक गंभीर चुनौती है, जिसके समाधान के लिए स्थानीय प्रयासों को जनांदोलन का रूप देना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने चेक डैम, तालाब और ब्लास्टकूप को जल संरक्षण की रीढ़ बताते हुए उनके निर्माण और जीर्णोद्धार पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 6,448 चेक डैम बनाए जा चुके हैं, जिनसे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से अब तक 1,002 चेक डैम की डी-सिल्टिंग और मरम्मत कर उनकी क्षमता बढ़ाई गई है। इसी तरह 16,610 तालाबों में से 1,343 का पुनर्विकास किया गया है, जबकि 2017 से 2025 तक 6,192 ब्लास्टकूपों के माध्यम से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता विकसित हुई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर वर्ष वर्षाकाल से पहले कुम्हारों को तालाबों से निःशुल्क मिट्टी निकालने की छूट दी जाए, ताकि ये जलसंचयन के लिए तैयार रह सकें। साथ ही, 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिदोहित और क्रिटिकल क्षेत्रों की संख्या लगातार कम हो रही है, जो संतोषजनक है। आगे के प्रयासों से इन क्षेत्रों को सामान्य श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। योगी ने स्पष्ट किया कि जैसे “एक पेड़ मां के नाम” अभियान ने वृक्षारोपण को जनांदोलन का रूप दिया, वैसे ही चेक डैम और तालाब निर्माण भी सामूहिक भागीदारी से बड़े स्तर पर संचालित किया जाएगा।

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