वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
प्रयागराज। महाकुम्भ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है। मेले की बसावट की व्यवस्थाएं बहुत धीमी गति से चल रही हैं। व्यवस्थाएं समय पर होने पर ही मेले की महत्ता एवं गरिमा स्थापित हो सकेगी और श्रद्धालुओं को भी असुविधाजनक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से मुखातिब होते हुए व्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि आज हमसे कहा गया कि यहां पर वीआईपी घाट हैं। मां की गोद में कौन वीआईपी होता है ? हमारे धर्म के अनुसार वीआईपी घाट नहीं हो सकता है। उसी घाट पर शंकराचार्य जी नहाते हैं और उसी पर दलित और पिछड़े भी। कोई किसी से जात पूछता है क्या? इसके अलावा शंकराचार्य के शिविर में आयोजित परम धर्म संसद में भी कई प्रस्ताव पारित किए गए। शंकराचार्य ने कहा कि प्रथम स्नान पर्व से पहले संगम पर गंगाजल की जांच कराकर सरकार को बताना चाहिए कि गंगा में डुबकी के लिए मिलने वाला जल निर्मल है। मेला क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चित्र नालियों के पास रखने पर भी आपत्ति जताई गई।
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