– जब तक बीएसएनएल (भारत सरकार का उपक्रम) अपनी हाई-स्पीड इंटरनेट 4 जी/5 जी नहीं करेगा तब तक सरकार की योजनाएं अक्षरषः लागू नहीं हो पाएगी। क्यों कि बीएसएनएल की सेवा 2 जी से ज्यादा नहीं है। जिसके चलते डिजिटल इंडिया सामान्य सेवा केंद्र जनता को अपेक्षित सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं और दे पाएंगे। क्योंकि जब लखनऊ जैसे महानगर में बीएसएनएल अपनी सबसे खराब सेवा/2 जी दे रहा है। तो अन्य जिले या ग्रामीण स्तर पर कैसे सेवाएं देगा।
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
नई दिल्ली। ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल पहुंच और आर्थिक विकास को बढ़ावा, 4,740 डिजिटल इंडिया सामान्य सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पूरे भारत में डीआईसीएससी की स्थापना, पीलीभीत और गोरखपुर अग्रणी हैं जहां लगभग 2000 केंद्रों के साथ डीआईसीएससी परियोजना शुरू की जाएगी। गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट और आवश्यक ई-गवर्नेंस, वित्तीय, शिक्षा और टेलीमेडिसिन सेवाएं बेहतर करने पर काम किया जाएगा। ग्रामीण भारत में डिजिटल कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि डिजिटल सेवाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचें, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पीलीभीत और गोरखपुर से डिजिटल इंडिया सामान्य सेवा केंद्र (डीआईसीएससी) परियोजना शुरू कर रहा है । इस पहल से 10 जिलों की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में एक मॉडल डीआईसीएससी केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे देश भर में कुल 4,740 केंद्र बनेंगे।
भारत भर में डीआईसीएससी:
विशेष रूप से, पीलीभीत में 720 डीआईसीएससी केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जबकि गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में 1,273 केंद्र होंगे। अन्य स्थानों पर महाराष्ट्र में पुराना औरंगाबाद, छत्रपति संभाजीनगर में 870 केंद्र, हिमाचल प्रदेश के चंबा में 309, तेलंगाना के खम्मम में 589, गुजरात के गांधीनगर में 288, मिजोरम के ममित में 100, राजस्थान के जोधपुर में 415, लद्दाख के लेह में 95 और पुदुचेरी में 81 डीआईसीएससी केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों के कार्यान्वयन और केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी का प्रबंधन सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इकतीस करोड़ साठ लाख अट्ठासी हजार (31.6088 करोड़) के बजट वाली यह परियोजना शुरूआत में छह महीने तक चलेगी और इस अवधि को नौ महीने तक बढ़ाया जा सकता है। प्राथमिक लक्ष्य ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय और वाणिज्यिक सेवाओं के साथ-साथ आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं प्रदान करने वाला एक एकीकृत मंच बनाना है। पीलीभीत में सीएससी केंद्र आधार पंजीकरण, बैंकिंग, वित्तीय नियोजन, टेली-लॉ, टेलीमेडिसिन, शिक्षा और ई-कॉमर्स सहायता सहित कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करेंगे।
उच्च गति इंटरनेट से विकास को बढ़ावा मिलेगा:
प्रत्येक सीएससी को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले सेवा केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और आधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को सशक्त बनाना, स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह पहल केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी के माध्यम से पारदर्शी और टिकाऊ सेवा वितरण भी सुनिश्चित करेगी।
इसके अतिरिक्त, सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में सीधे आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए जीपीएस-तकनीक सक्षम मोबाइल वैन तैनात की जाएंगी। इस व्यापक दृष्टिकोण से पीलीभीत और गोरखपुर दोनों में डिजिटल साक्षरता में उल्लेखनीय वृद्धि और सेवाओं तक पहुँच में सुधार होने की उम्मीद है।
डीआईसीएससी परियोजना स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण डिजिटल सेवाएं प्रदान करके इन क्षेत्रों का आधुनिकीकरण करने के लिए तैयार है। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल कार्यप्रणाली को लागू करके आवश्यक सेवाओं तक पहुंच बढ़ाकर, पीलीभीत और गोरखपुर की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाना है और वहां व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था में समन्वय करना है।
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