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बाढ़ पीड़ितों की मदद हेतु अखिलेश ने सरकार को घेरा

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बाढ़ से प्रदेश के 20 जिले बेहाल है। लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित है। 500 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिरे है। आदमी जानवर सब बदहाल है। जन जीवन तबाह है। सरकार बाढ़ पीड़ितों की जरूरत के हिसाब से मदद नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार की संवेदन हीनता की पराकाष्ठा है। बाढ़ पीड़ित मदद के लिए गुहार लगा रहे है। शासन-प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
श्री यादव ने कहा कि बाढ़ से लखीमपुर खीरी, गोण्डा, फर्रूखाबाद, बलिया, बदायूं, हरदोई, बाराबंकी, आजमगढ़, वाराणसी, उन्नाव, कन्नौज, बस्ती, हाथरस, बहराइच, शाहजहांपुर, प्रयागराज समेत कुछ अन्य जिलों में स्थिति खराब है। प्रदेश में गंगा, जमुना, घाघरा, शारदा समेत अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने से लोग डरे हुए हैं। सरकार को सब जानकारी है उसके बावजूद पूरी तरह वह आकर्मण्यता की शिकार है। भाजपा सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के बजाय जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है। श्री यादव ने कहा कि तराई जिलों में हालत और भी खराब है। आम जनता को डर के साये में जीना पड़ रहा है। एक तरफ बाढ़ से लोगों का खाने, पीने की चीजो की कमी है, उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है तो दूसरी तरफ जंगली जानवरों से जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। जंगली जानवर जंगलों से बाहर निकल कर लोगों पर हमला कर रहे हैं। जनता के सामने दोहरा संकट है। सरकार कोई मदद नहीं कर रही है, जो कुछ खाना पूर्ति होती है उसमें भी भेदभाव हो रहा है।
बरसात के मौसम में जुकाम-बुखार के अतिरिक्त डेगूं- मलेरिया के मरीज भी बड़ी तादाद में सामने आ रहे हैं। पशुओं की बीमारियां भी बढ़ रही है। पशुओं के लिए चारे की भी दिक्कतें हो रही है। सरकार को जलभराव और उसके बाद के हालात पर जरा भी चिंता नहीं है। गरीब जनता और पशु दवा-इलाज के अभाव में परेशान हैं।

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