वेबवार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। सहारा हॉस्पिटल लखनऊ में बृहस्पतिवार को एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि विशेषज्ञ डॉक्टर लोग एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड का पता कई बीमारियों को जानने के लिए करते हैं। पिछले दस वर्षों में इस जांच को काफी अपडेट किया जा चुका है।
गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट गाजियाबाद से डॉ. संजय गर्ग, अजय कुमार चौधरी और सहारा हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट एवं वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अंकुर गुप्ता ने बताया कि इसके माध्यम से पित्त व पैंक्रियाज से जुड़ी बीमारियों व कैंसर का पता लगाना भी सम्भव है। उनके अनुसार “ई यू एस” एक प्रकार की तकनीक है जिसमें एंडोस्कोप की टिप पर अल्ट्रासाउंड जुड़ा रहता है। यह आहार नली ,पेट व आंतों के अन्दर से अल्ट्रासाउंड करने में मदद करता है। एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड तकनीक से पैक्रिंयाज, बाईल डक्ट व.फेफड़े के मध्य भाग यानी मेडिएस्टिनम की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। कार्यशाला में सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंहजी का सर्वप्रथम फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात उन्होंने डॉक्टर संजय गर्ग, डॉ. अजय चौधरी व सहारा हॉस्पिटल के डॉ. अंकुर गुप्ता को मोमेंटो दिया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए अनिल विक्रम सिंह ने कहा कि सहारा श्री के हास्पिटल में जटिल से जटिल बीमारियों का उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। श्री सिंह ने कार्यशाला के सम्बन्ध में कहा कि ऐसे आयोजन अपसी अनुभव को साझा करने के लिए मील का पत्थर साबित होते हैं क्योंकि कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन बेहद आवश्यक हैं।
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