वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
मेरठ। अपने ही विभाग को धोखा देने में फंसे चार सिपाही बुरी तरह फंस गये, जिसका खामियाजा उन्हें निलंम्बित हो कर चुकाना पड़ा था।
मामला कुछ यूं था कि मेरठ में यूपी पुलिस के सिपाहियों को एक पार्टी में जाना था। दिक्कत थी कि ड्यूटी चल रही थी और इस बीच वो पार्टी में नहीं जा सकते थे। फिर उन्हें एक सॉलिड आइडिया आया। चारों सिपाही पुलिस की गाड़ी बैठे और वहां पहुंचे जहां पार्टी चल रही थी। इसके बाद जो हुआ वो पुलिस इतिहास में अनोखी घटना थी। हुआ यह कि पुलिस वालों ने एक राह चलते आदमी का फोन मांगा, ये कहते हुए कि उनके फोन में नेटवर्क नहीं है। फिर उसी फोन से पुलिस कंट्रोल रूम कॉल किया और कहा यहां बवाल हो गया है, पुलिस भेज दीजिए। कंट्रोल रूम ने देखा कि चारों सिपाही और पुलिस की गाड़ी वहीं पास में है, उन्हें मौके पर पहुंचने को कहा गया। इस तरह से पुलिस वाले पार्टी में पहुंच गए। पार्टी की और कंट्रोल रूम को बता दिया छोटा बवाल था, समझाकर निपटा दिया है।
मामले की पोल तब खुली जब कंट्रोल रूम ने फीडबैक के लिए उस नंबर पर कॉल किया, जिससे शिकायत आई थी। उस आदमी ने बताया कि उसने कोई कॉल नहीं की. रास्ते में कुछ पुलिस वाले मिले, उन्होंने एक कॉल करने के लिए फोन मांगा था। नतीजा यह हुआ कि कंट्रोल रूम को झूठी सूचना देकर पार्टी में जाने वाले परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में डायल-112 पर तैनात चार पुलिसकर्मियों और एक होमगार्ड के खिलाफ सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। चारों पुलिसकर्मियों को एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बुधवार को निलंबित कर दिया था। होमगार्ड के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमांडेंट को रिपोर्ट भेज दी।
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