अजय कुमार वर्मा
वाराणसी। विदित हो कि गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी एक बहुरूपिया और ढोंगी व्यक्ति है जो यह भलीभांति जानते हुए भी कि वह ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का दंडी संन्यासी नहीं हैं, परंतु फर्जी दस्तावेजों को निर्मित करके अपने आधार पत्र संख्या 840652303973 में स्वयं को उनका “एस/ओ” लिखवाकर, जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम और उनसे तथा ज्योतिर्मठ से हितबद्ध धार्मिक वर्ग/ समूह के हितों को ज्योतिष्पीठ सेवा समिति, तथा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के तर्ज पर श्री हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का फर्जी दस्तावेजों के द्वारा गठन करके इस प्रकार के प्रतिरूपण द्वारा छल करके जहां एक ओर आस्थावान हिंदुओं को बेमानी से संपत्ति परिदत्त करने के लिए उत्प्रेरित कर ठग रहा है वहीं दूसरी ओर ज्योतिर्मठ के धन जंगम संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति को प्राप्त करने के प्राधिकार के निमित्त कूट दस्तावेजों की विविध अधिकारियों से तात्पर्यित पत्राचार कर फर्जी सृजित किया है और दस्तावेजों व इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों की यह कूट रचना उसने इस आशय से भी किया है कि यह छल के प्रयोजन से उपयोग में लाई जाएगी।
बैंक खातों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वारा डी गई नोटिस:
बहुरूपिेये ‘गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी’ नामधारी ठग, कपटी, धोखेबाज, ढोंगी, जालसाज ने कनारा बैंक की एम डी रोड कोलकाता व चैक वाराणसी शाखा तथा बैंक ऑफ इंडिया की सोनारपुर शाखा के शाखा प्रबंधकों के साथ मिल कर रिजर्व बैंक की गाइड लाइंस और अन्य कानूनी प्रावधानों के विरुद्ध उन शाखों के जगत गुरु शंकराचार्य ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरनन्द सरस्वती के के द्वारा संचालित किये जाने वाले खातों को बिना उन्हें कारण बताने का अवसर दिए फ्रीज कर दिया।
उनके इस कार्य के विरुद्ध फर्जीवाड़ा करने वाले गोविंदानंद सरस्वती स्वामी तथा उसकी संस्था एवं दोनों बैंकों के तीनों शाखा प्रबंधकों समेत उनके प्रबंध निदेशकों को जगतगुरु शंकराचार्य जी के सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट ऑन रिकार्ड श्री अंजनी कुमार मिश्र जी ने दिनांक 17.06.2024 को कानूनी नोटिस दे दिया है जिसमें व्याख्यात्मक और विस्तृत तथ्यों के माध्यम से प्रतिरूपणकर्ता गोविंदानंद के जिसका ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम हिमालय के मामलों से कोई लेना देना नहीं है, सभी घटिया और झूठे तथ्यों को स्पष्ट करते हुए, सभी संबंधितों से यह अनुरोध किया गया है कि फर्जी गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी की ओर से किए गए कथित अज्ञात पत्र/शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जो कोई चूक हुई है उसको तत्काल प्रभाव से मेरे ग्राहक के बैंक खातों के संचालन को बहाल करते हुए उलट दें, अन्यथा जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के पास ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा। संबंधित लोगों के हर्जे खर्चे और नतीजे भुगतने की स्थिति में न्यायालय में हम उन व्यक्तियों के खिलाफ अलग से कानूनी कार्यवाही करेंगे जो जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के बैंक खातों से संबंधित व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने में शामिल हैं, तथा जिन्होंने जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के खिलाफ झूठा, तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण पत्रध्नोटिस जारी किया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा, गरिमा, प्रतिष्ठा और सम्मान को गंभीर नुकसान हुआ।
कानूनी कार्यवाही:
ज्ञात हो कि बहुरूपिेये ‘गोविंदानंद सरस्वती स्वामीजी’ नामधारी ठग, कपटी, धोखेबाज, ढोंगी, जालसाज के विरुद्ध धारा 295 ए, 406, 409, 419, 420, 427, 465, 467, 468, 469, 471, 474, 500, 504, 505, 34, 109 और 120-बी भारतीय दंड संहिता, 1860 तथा धारा 66-डी 72 एवं 72ए सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत आपराधिक कृत्यों के प्रति दंडात्मक कार्यवाही आरंभ करने के क्रम में 7 जून 2024 के दिन वाराणसी के चैक थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दे दी गई है।
Check Also
भारी मात्रा में लूट के सोने-चाँदी के आभूषण बरामद, 03 गिरफ्तार
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा सुल्तानपुर। थाना गोसाईगंज व क्राइम ब्रान्च की संयुक्त …