वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
इंदौर/मेरठ। विगत दिवस संस्थापक संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद के अथक प्रयासों को पंख लग गए जब केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह विगत भगवान श्री परशुराम जी के अवतरण-स्थल जानापाव जनपद इंदौर (मध्य प्रदेश) पहुँच उनके दर्शन किये। साथ में शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश, केवी कृष्णन, राष्ट्रीय महामंत्री श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध व डॉ राजाराम यादव राष्ट्रीय महामंत्री श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ व पूर्व कुलपति वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, नरोत्तमदास मिश्रा भी रहे।
जानापाव पहुँच सभी ने भगवान परशुराम के दर्शन एवं पूजा अर्चना की। तत्पश्चात अमित शाह ने जन्मभूमि का निरीक्षण कर उससे संबंधित पूर्ण जानकारी ली। राष्ट्रीय परशुराम परिषद एवं श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध पीठ के पदाधिकारियों ने अमित शाह को भगवान परशुराम एकात्म विश्वविद्यालय जानापाव इंदौर का प्रस्ताव भी सौंपा।
श्री शाह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि जानापाव को देश तो क्या मध्य प्रदेश में भी वह मान-सम्मान और पहचान प्राप्त नहीं थी, वही पुन्यस्थली जानापाव को अब पूरा देश जान गया है। शीघ्र ही विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त करेगा। जानापाव देश की दूसरी अयोध्या हो गई है, एक भगवान् राम की जन्म-स्थली, दूसरी विष्णु के छठें अवतार भगवान श्री परशुराम का विस्मृत पुन्य जन्म-स्थान।
श्री कृष्णन ने बताया कि आज से आठ वर्ष पूर्व मेरठ में पं0 सुनील भराला, निर्वतमान अध्यक्ष / राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश सरकार व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ भाजपा की पहल पर परशुराम स्वाभिमान सेना का जन्म हुआ। परशुराम स्वाभिमान सेना द्वारा मेरठ में आयोजित महाकुम्भ में करीब 20 हजार व्यक्तियों ने भाग लिया।
परशुराम स्वाभिमान सेना के गठन से शुरू हुई यह यात्रा अब राष्ट्रीय परशुराम परिषद के रूप में आधिकारिक निर्णय उद्घोष करने की क्षमता प्राप्त धर्म ध्वजा वाहक संस्था बन चुकी है। यह उपलब्धि सुनील भराला के साहसपूर्ण समर्पण और संगठनात्मक कला की अनूठी मिसाल है।
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