– आने वाली पीढ़ियां योगी आदित्यनाथ के कार्य को उसी तरह स्मरण करेंगी, जैसे आज हम लोकमाता को याद रखते हैंः उप राष्ट्रपति
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार
आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान 2025 के अंतर्गत आगरा में आयोजित विशाल संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पुण्यश्लोक पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर मालवा साम्राज्य की महारानी थीं, जिसका विस्तार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों तक था। मुगल कालखंड में जब विदेशी आक्रांताओं ने भारत की अस्मिता और आस्था के प्रतीकों, खासकर मंदिरों को नष्ट और भ्रष्ट किया, तब देवी अहिल्याबाई ने ढाई सौ साल पहले इनके पुनरोद्धार का महान कार्य किया। उन्होंने इस समारोह को लोकमाता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक माध्यम बताया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती एक तारीख और ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि हम सबके लिए जीवन दर्शन है। हमें संकल्प लेना पड़ेगा कि हम उनके आदर्शों पर चलेंगे। लोकमाता कठिन समय में भारत की महान परंपरा की प्रतिनिधि थीं, जहां धर्म-संस्कृति व शासन एक ही धारा में प्रवाहित होते हैं। सोमनाथ गुजरात, काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वरम, गोकर्ण समेत न जाने कितने मंदिर उनके हाथ से संजीवित हुए। वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर हमारे लिए प्रेरणा मूर्ति हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत आगरा को ब्रजभूमि के रूप में संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक धरती, जिसे भगवान कृष्ण का सानिध्य प्राप्त हुआ, आज हमें गर्व का अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का आगरा में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी पत्नी सुदेश धनखड़, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, संगोष्ठी के आयोजक एवं संयोजक केंद्रीय मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल, महाराष्ट्र विधानपरिषद् के सभापति श्रीराम शिंदे, सांसद वीके पार्थसारथी, सांसद वाचस्पति नागराजू, गोवा के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रकांत कवलेकर, कार्यक्रम के अध्यक्ष हरि सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित पाल और बघेल समाज से जुड़े लोग मौजूद रहे।