वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 13 अक्टूबर। समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ उ0प्र0 द्वारा आयोजित कश्यप, निषाद, बिन्द, धीमर, मल्लाह, कहार, केवट, गोडिया, रैबार, तुरैहा, मांझी, मझवार, गोंड, और मछुआ समाज की बैठक को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते पिछड़ों दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हो रहा है। देश भर में जातीय जनगणना की मांग होने लगी है। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए भाजपा के एनडीए को हरायेगा।
श्री यादव ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग नई नहीं है। सभी इसके पक्ष में है। जो विरोध कर रहे थे वे भी अब जातीय जनगणना की मांग करने लगे है। हो सकता है कि चुनाव आते.आते भाजपा भी जातीय जनगणना की बात करने लगे। सामाजिक न्याय और समानता तभी आएगी जब जातीय जनगणना होगी। इस जातीय जनगणना से सभी पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों को अधिकार के साथ सम्मान भी मिलेगा। जातीय जनगणना से सभी को समानुपातिक भागीदारी मिल सकेगी। श्री यादव ने कहा कि हम आज पिछड़े दलित समाज को अपना हक और सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। समाज में विसंगति और असमानता को दूर करने के लिए नेताजी ने फूलन देवी को संसद पहुंचाया था।
अखिलेष ने कहा कि भाजपा सरकार में महाराजा कश्यप तथा निषादाज गृह्य के नाम पर अवकाश रद्द कर दिए गए जबकि समाजवादी सरकार में ये मिल रहे थे। लोहिया आवास की तरह मछुआ आवास पर तीन लाख पांच हजार का अनुदान मिलना बंद हो गया। 17 जातियों को मिलने वाला आरक्षण भाजपाई साजिश से अदालत से खत्म करा दिया गया। बालू खनन सिंघाडा मछली पालने का पट्टा मिलना बंद हो गया। नौका चला कर जीवन यापन करने वाले केवट मल्लाह की रोजी बंद कर पूंजीपतियों के क्रूज चला दिये गये हैं। लगातार उपेक्षा के शिकार लोगों को सत्ता में बैठे जातीय ठेकेदार न्याय नहीं दिला पा रहे हैं।
इस अवसर पर चौधरी लोटन राम निषाद द्वारा लिखित ष्निषाद समाज का बृहत इतिहास पुस्तक का विमोचन किया।
