वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
भदोही। भदोही के वृद्धाश्रम रहने वाली वृद्धा की मौत के बाद सवाल खड़े होते नजर आए। समाजसेवियों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बताया जा रहा है कि पंद्रह दिनों पहले ही आश्रम में पहुंचाया गया था। बीते 15 दिनों से बड़े शिव धाम में रह रही निराश्रित वृद्धा की गुरुवार को मौत हो गई। इसके पहले वृद्धाश्रम से निकाले जाने के बाद वह वाराणसी-प्रयागराज हाईवे के फ्लाईओवर के नीचे जीवन यापन करती थी। जिसे कुछ समाजसेवियों ने बड़े शिव धाम पहुंचाया था। उसकी मौत के बाद समाजसेवियों की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। नगर के लोग वृद्धाश्रम की उपयोगिता पर सवाल खड़े कर रहे हैंगोपीगंज के वृद्धाश्रम में एक 70 वर्षीय कुछ समय से रहती थी।
बताया जा रहा है वह मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कारण वह वृद्धाश्रम में काफी शोरगुल मचाती थी। जिससे अन्य वृद्धों को परेशानी होती थी। जिसके बाद प्रबंधन समिति ने उसे वहां से निकाल दिया। जिसके बाद 70 वर्षीय वृद्धा करीब एक माह तक वाराणसी-प्रयागराज हाईवे के फ्लाईओवर के नीचे एक महीने तक रही और इधर-उधर से कुछ मिलने पर गुजारा करने लगी। उसका शरीर जब और जवाब दे गया तो एक जगह कमजोर होकर पड़ गयी। कुछ समाजसेवियों ने उसे बड़े शिव धाम पहुंचाया। जिससे उसे एक सुरक्षित परिवेश और खाना-पीना मिल पाए, लेकिन बृहस्पतिवार को उसकी मौत हो गयी। जिसके बाद शिवधाम सेवा समिति के सचिव रामकृष्ण खट्टू, पालिकाध्यक्ष जितेन्द्र गुप्ता, सच्चिदानंद अग्रहरि, श्रीकांत जायसवाल, सत्यम गुप्ता आदि ने वृद्धा का रामपुर घाट पर अंतिम संस्कार किया। वहीं बड़े शिव धाम की योग कक्षा भी स्थगित कर दी गयी।
लोगों ने वृद्धाश्रम की उपयोगिता पर सवाल उठाए। कहा कि अगर वृद्धा मानसिक बीमार थी तो उसे किसी मानसिक अस्पताल में भेजा जाना चाहिए था, न कि लावारिस छोड़ना चाहिए। वही वृद्धाश्रम के प्रबंधक प्रदोष पंडा ने कहा कि वृद्धा मानसिक रूप से बीमार थी। जिससे दूसरे वृद्धों को परेशानी होती थी। इसलिए उन्हें नहीं रखा गया था।
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