Breaking News

स्वामी श्री भगवदाचार्य स्मारक सदन की दो बार बंद होने के बाद अब फिर बनी भव्यता का केंद्र ऐतिहासिक एवं पौराणिक अवध की रामलीला

– 1964 में शुरु हुई थी भगवदाचार्य स्मारक सदन की रामलीला, 61 सालों में अलग-अलग कारणों से दो बार बंद हो चुकी थी रामलीला।
– संकट मोचन सेना के अध्यक्ष संजय दास अब रामलीला मंचन की परंपरा नये सिरे से आगे बढ़ा रहे हैं।
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
अयोध्या। रामलीला के चतुर्थ दिन भगवान की आरती कर लीला का शुभारंभ संत श्री तुलसीदास रामलीला न्यास के अध्यक्ष विन्दुगाद्याचार्य श्रीमहंत देवेंद्र प्रसादाचार्य महाराज, महामंत्री संजय दास, कोषाध्यक्ष भक्तमाल पीठाधीश्वर श्रीमहंत अवधेश कुमार दास, उपाध्यक्ष नागा राम लखन दास, व्यस्थापक वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास, स्वागताध्यक्ष महंत धनुषधारी शुक्ला एवं राजीव रंजन पांडेय, महंत एमबी दास, अभिषेक दास, विराट दास सहित संत/महंत सदगृहस्त गण की उपस्थित में होता हैं।
अवध की रामलीला का अपना एक इतिहास है। अयोध्या रामनगरी में रामलीला मंचन की पंरपरा को नया आयाम भगवदाचार्य स्मारक सदन में शुरू हुई रामलीला से मिला। यहां दशरथ राजमहल बड़ा स्थान के तत्कालीन पीठाधीश्वर बिंदु गद्याचार्य रघुवर प्रसादाचार्य व अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के नेतृत्व में 1964 में रामलीला मंचन की शुरुआत हुई थी। बीते 61 वर्षों में यहां भी अलग- अलग कारणों से दो बार रामलीला का मंचन बाधित हुआ। मध्य के वर्षों में मणिराम छावनी के पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में संत तुलसीदास रामलीला समिति का नेतृत्व लंबे समय तक नगरपालिका परिषद अयोध्या के तत्कालीन अध्यक्ष महंत अवधेश दास शास्त्री ने संभाला। उनके निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी महंत नरहरि दास सामाजिक भगवदाचार्य के सहयोग से संयोजन करते रहे, कोरोना काल में उनके मृत्यु के बाद रामलीला पर संकट के बादल मंडराने लगा। रामलीला का मंचन बंद हो गया। एक बार फिर अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संकट मोचन सेना के अध्यक्ष संजय दास ने कमान संभाली और रामलीला मंचन की परंपरा नये सिरे से आगे बढ़ाया। इस महती कार्य में उन्हें बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास का सहयोग मिला। फिर क्या था अपनी पारंपरिक शैली, शास्त्रीयता, दमदार संवाद और अभिनय के लिए प्रख्यात भगवदाचार्य स्मारक सदन की रामलीला एक बार फिर आकर्षण का केंद्र बन गई। देश- विदेश में रामलीला मंचन कर चुके हैं।
स्मारक सदन की रामलीला का मुख्य आकर्षण राम भरत मिलाप है। दशहरा के बाद भारत मिलाप का भव्य कार्यक्रम हनुमानगढ़ी मंदिर के गेट के सामने साकेत भूषण समाज की और किया जाता है। यह आयोजन अयोध्या धाम के व्यापारी करते हैं। भगवान के स्वरूपों की आरती हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी आकर करते हैं। कार्यक्रम में संत-धर्माचायों समेत राजनीतिक व प्रशासनिक हस्तियां भी शामिल होती है।

Check Also

ट्रैक्टर- ट्राली की चपेट में आने से जीजा की मौत साला घायल, ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा सोनभद्र। सोनभद्र जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के बिजौली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Live Updates COVID-19 CASES