वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट् यूनियन ने राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पीजीआई में मिल रही मुफ्त चिकित्सा सुविधा की प्रक्रिया के सरलीकरण और योजना का लाभ प्रदेश के सभी पत्रकारों को देने की मांग की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री / सूचना विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को दिए गये ज्ञापन में यूनियन ने कहा है कि प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतों के कारण पत्रकारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन ने रिवाल्विंग फंड की धनराशि 25 लाख रूपये से बढ़ाकर एक करोड़ करने और न्यूनतम बैलेंस 50 लाख रुपए करने की भी मांग की है।
यूनियन का कहना है कि पीजीआई के अधिकारी रिवाल्विंग फंड में धनराशि न होने का बहाना करके पत्रकारों से इलाज की अग्रिम धनराशि जमा करा लेते हैं, जिसकी प्रतिमूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस खामी का षिकार कई वरि0 पत्रकार हो चुके हैं, और कइयों को आए दिन सामना करना पड़ता है। वास्तविक स्थिति यह है कि पिछले दस वर्षों में राज्य सरकार द्वारा पीजीआई को उपलब्ध कराई गयी धनराशि में से 1.65 करोड़ रूपये लैप्स हो गयी है। यूनियन का कहना है कि क्योंकि पीजीआई सरकारी संस्थान है इसलिए इलाज के भुगतान की लम्बी प्रक्रिया को समाप्त कर पीजीआई को रिवाल्विंग फंड से सीधे इलाज करने का अधिकार दिया जाये।
ज्ञापन यूनियन के प्रादेशिक अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी, महामंत्री प्रेम कांत तिवारी , मंडलीय अध्यक्ष शिवशरण सिंह, महामंत्री विश्वदेव राव और यू.पी. प्रेस क्लब, लखनऊ के अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार सिंह की ओर से दिया गया। जिस पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और सूचना निदेशक शिशिर के साथ हर बिन्दु पर विस्तृत वार्ता हुई। उन्होंने ज्ञापन का परीक्षण कर मूल शासनादेश में यथासंभव संशोधन कर रिवाल्विंग फंड एक करोड रुपए किए जाने का आश्वासन दिया।