वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
वाराणसी। आज काशी के केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में देव दीपावली के पावन अवसर पर उद्गार व्यक्त करते हुए जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मनुष्यों एवं देवताओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का पर्व है देव दीपावली। आज के दिन धरती पर सभी देवता पधार कर दीपार्चन स्वीकार कर रहे हैं। उन देवताओं से साथ एकाकार होने का इससे सुंदर अवसर दूसरा नही हो सकता है। आज आसमान पर जितने तारे दिखाई देंगे नीचे धरती पर देखने पर उतने ही दीप दिखाई देंगे।आज जो लोग बहुत भाग्यशाली हैं वो काशी में उपस्थित हैं।हम समस्त लोगों को शुभकामना देते हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा व देव दीपावली के पावन अवसर पर श्रीविद्यामठ में शंकराचार्य के सान्निध्य में भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का मेवे से श्रृंगार और आंवले से अर्चन किया गया।सत्यनारायण भगवान की कथा हुई जिसमें यजमान के भूमिका में अभय शंकर तिवारी सपत्नीक उपस्थित थे।
उक्त जानकारी देते हुए परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि शंकराचार्य दीपावली प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ में मनाते हैं इसलिए श्रीविद्यामठ में आज के ही दिन सन्त,भक्त व वैदिक छात्र मिलकर दीपावली मनाया। जिसके अनन्तर शंकराचार्य जी महाराज आकाशदीप प्रज्ज्वलित किया और दीपदान किया। साथ ही महाराज श्री मठ मौजूद सैकड़ों वैदिक विद्यार्थियों के मध्य पटाखा वितरित किया जिसे भगवती गंगा के तट पर वैदिक बच्चों ने पटाखा फोड़ा।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से साध्वी पूर्णाम्बा, साध्वी शारदाम्बा, ब्रम्हचारी परमात्मानंद, सजंय पाण्डेय मीडिया प्रभारी, अनिल भारद्वाज, स्वामी नरेंद्रानंद, स्वामी भगवतानंद, ब्रम्हचारी हृदयानंद, रवि त्रिवेदी, शैलेन्द्र योगी, रमेश उपाध्याय, सुनील उपाध्याय, हजारी सौरभ शुक्ला, किशन जायसवाल, सक्षम सिंह योगी, मनीष पाण्डेय, सुनील शुक्ला सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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