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धर्म: एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देता है – देश-विदेश से पधारे विचारकों का मत

वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ के दूसरे दिन आज विभिन्न देशों से पधारे विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यों, शिक्षाविद्ों व न्यायविद्ों ने अपने सारगर्भित विचारों द्वारा यह संदेश दिया कि धर्म एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देता है। विश्व के सभी धर्मों का उद्देश्य विश्व एकता व मानव मात्र में प्रेम का संचार करना है। इण्टरफेथ सम्मेलन में विभिन्न धर्मावलम्बियों की एक मंच पर उपस्थिति ने सर्वधर्म समभाव का अनूठा आलोक बिखेरा। विदित हो कि सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा इस अन्तर्राष्ट्रीय धार्मिक समन्वय सम्मेलन में इजिप्ट, अमेरिका, लेबनान एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे विद्वजन प्रतिभाग कर रहे हैं।
सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारम्भ आज स्कूल प्रार्थना एवं सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने देश-विदेश से पधारे विद्वजनों व धर्माचायों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रो. किंगडन ने कहा कि यह सम्मेलन सी.एम.एस. संस्थापक स्वं. डा. जगदीश गाँधी जी की प्रेरणा से आयोजित हो रहा है, जिनका सर्वधर्म समभाव की भावना पर गहरा विश्वास था। उनका मानना था कि धर्म हमें पूर्वाग्रहों से मुक्त होने के लिए प्रेरित करता है। इण्टरनेशनल इन्टरफेथ कान्फ्रेन्स की संयोजिका एवं सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व के विभिन्न धर्मों के बीच संवाद कायम कर समाज में एकता, शान्ति व सौहार्द का वातावरण स्थापित करने में प्रयास है।
सम्मेलन के अन्तर्गत दूसरे दिन की परिचर्चा का शुभारम्भ ‘इम्पार्टेन्स ऑफ इण्टरफेथ डायलॉग’ विषय पर पैनल डिस्कशन से हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए न्यायमूर्ति डा. आदिल ओमर शरीफ, डेप्युटी चीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीटूयशनल कोर्ट ऑफ इजिप्ट, ने कहा कि दइस प्रकार के सम्मेलन धार्मिक अज्ञानता को मिटाकर मानवता को सही राह दिखाते हैं। अमेरिका से पधारे विचारक डा. डेविड रिस्ले ने कहा कि सभी धर्म हमें एक ही परमात्मा की ओर ले जाते हैं। मानव मात्र की एकता ही धर्म का शाश्वत सत्य है। लेबनान से पधारी विचारक डा. सैली हम्मूद ने कहा कि इजराइल और फिलीस्तीन की जंग धार्मिक विद्वेश का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि धर्म सामाजिक जागरूकता हैं और यह तोड़ता नही बल्कि जोड़ता हैं। इसी प्रकार, ‘रिलीजन एण्ड पीस’, ‘रोल ऑफ रिलीजियस इन्स्टीट्यूशन इन प्रमोटिंग सोशल एण्ड इकोनॉमिक डेवलपमेन्ट’, ‘द इम्पॉवरमेन्ट ऑफ यूथ टु बी एजेन्टस हू प्रमोट रिलीजियर हार्मनी’ आदि विभिन्न विषयों पर देश-विदेश से पधारी कई प्रख्यात हस्तियों ने अपने सारगर्भित विचारों से धर्म के नवीन आयामों का उद्घाटित किया।
सम्मेलन में आज जिन प्रमुख हस्तियों ने अपने सारगर्भित विचारों से धर्म के मर्म को उजागर किया, उनमें भृगु पीठाधीश्वर पूज्य गोस्वामी सुशील जी महाराज, राष्ट्रीय संयोजक, भारतीय सर्वधर्म संसद, मौलाना ए आर शाहीन काजमी, जनरल सेक्रेटरी, वर्ल्ड पीस आर्गनाइजेशन, नई दिल्ली, आचार्य विवेक मुनि जी महाराज, फाउण्डर, आचार्य सुशील मुनि मिशन, फादर सेबेस्टियन कोलीथानम, डायरेक्टर, कुष्ठ नियंत्रण एवं उन्मूलन समिति, श्री मराजबान नारीमन जायवाल, जोरास्ट्रियन पारसी सोसाइटी आदि प्रमुख हैं।
सी.एम.एस. के जन-सम्पर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय इन्टरफेथ सम्मेलन का आयोजन नवीं बार लखनऊ की सरजमीं पर आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन के अन्तर्गत विद्वजनों की परिचर्चा का दौर कल 4 अगस्त, रविवार को भी जारी रहेगा एवं इसके उपरान्त अपरान्हः सत्र में समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा।

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