वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 13 अक्टूबर। अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस दिनांक 13 अक्टूबर, 2022 के उपलक्ष्य में राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश द्वारा अर्धदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि ने अभिभाषण देते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा कहकर नहीं आती यदि प्रकृति से छेड़छाड़ को अगर न रोका गया, तो पृथ्वी पर जीवों का अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा। श्री प्रधान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को घटित होने से रोकना सदैव संभव नहीं होता एवं जान-माल का कम से कम नुकसान हो एवं पीड़ितों को तुरंत राहत मिल सके।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाता है।
महानिदेशक अग्निशमन अविनाश चन्द्र द्वारा कार्यशाला को संबोधित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य में अग्निशमन विभाग की भूमिका एवं उसमे आये बदलाव पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि पूर्व में अग्निशमन विभाग मात्र अग्निशमन का कार्य करता था किन्तु वर्त्तमान में यह राहत एवं बचाव कार्य, प्राथमिक चिकित्सा इत्यादि में अहम भूमिका निभाता है।
कार्यशाला में उप महानिरीक्षक अग्निशमन विभाग आकाश कुलहरी, कमांडेंट एस०डी०आर०एफ० डा0 सतीश कुमार, विशेष सचिव राजस्व राम केवल, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण महेंद्र सिंह तथा परियोजना निदेशक (इमरजेंसी ऑपरेशन) राहत आयुक्त कार्यालय श्रीमती अदिति उमराव के अतिरिक्त मौसम विभाग, सिंचाई, रिमोट सिंग, सीडब्ल्यूसी, पंचायती राज, आवास, ग्राम विकास सहित जनपदों से आये आपदा विशेषज्ञ तथा आपदा मित्र उपस्थित रहे।
कार्यशाला में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल तथा आपदा मित्रों द्वारा आपदा संबंधी उपकरणों व प्रशिक्षण के संबंध मे प्रदर्शनी का आयोजन भी कार्यक्रम स्थल पर किया गया।
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