वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। कुछ समय पहले लखनऊ के गोमतीनगर स्टेशन के पास एक मानसिक मंदित महिला सड़क के किनारे बैठे लोगो से भूख लगी का ईशारा कर रही थी । इतिफ़ाक़ से उम्मीद संस्था के लोग वहाँ से निकल रहे थे की तभी उस महिला पर उनकी नज़र पड़ी । उन्होंने उसको सबसे पहले कुछ भोजन कराया और फिर उससे बात किया तो पता चला की वह मानसिक मन्दित है । पुलिस के माध्यम से उसको मातृछाया आश्रम पहुँचाया और वहाँ उसका इलाज शुरू किया गया । माहौल और अच्छा वातावरण से मोमीदास में बहुत बदलाव आने लगा और एक दिन आधार कार्ड कैम्प के माध्यम से उसके घर का पता चला । संस्था द्वारा घर पर संपर्क किया गया और विगत एक वर्ष से बिछड़ी अपनी बड़ी बहन को लेने उसकी छोटी बहन उड़ीसा से मातृछाया आई | गुम हुए एक वर्ष के उपरान्त मोमीदास की स्वयं की बेटी की शादी भी हो चुकी है |
जिला प्रोबेशन अधिकारी की उपस्थिति में संस्था के पदाधिकारियों बलबीर सिंह मान व श्रीमती आरधना सिंह सिकरवार एवं रश्मी वर्मा द्वारा उनकी बहन मीनाक्षी राज छल्ला को सिपुर्द किया गया | बहुत ही ख़ुशी की बात है कि एक मानसिक मंदित महिला जो लावारिस रूप से ग़ुमनाम सड़को पर भटक रही थी और ईश्वर की कृपा से अपने घर पहुँच गई ।
उम्मीद संस्था, वास्तुभ सिटी, ग्राम – लोनहा, पिपरसंड, सरोजनीनगर लखनऊ के पदाधिकारी बलबीर सिंह मान ने बताया कि लावारिस मानसिक मंदित/विक्षिप्त महिलाओं के लिए आश्रयगृह का संचालन किया जा रहा है जिसका नाम मातृछाया है। यह महिला कल्याण विभाग के सहयोग से यह संचालित किया जा रहा है | अभी आश्रम में 102 मानसिक मंदित/विक्षिप्त निराश्रित महिलाएं निवास कर रही है जहाँ पर इन महिलाओं को एक परिवार की तरह रखा जाता है | पहले ये महिलाएं कई सालों से अपने परिवार से बिछड़कर गुमनामी के अधेरे में जीवन गुजार रही थी परन्तु जब से इनका मातृछाया आश्रम में आगमन हुआ तब से संस्था का यही प्रयास रहा है की इनका पारिवारिक पुनर्वास कराया जाये | इस क्रम में अब तक 16 बिछड़ी हुई महिलाओं का पारिवारिक पुनर्मिलन उम्मीद संस्था द्वारा करवाया जा चुका है |
