– विश्व संसद, एक विश्व सरकार व प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था बनने तक प्रयास जारी रखने का प्रस्ताव पारित
वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अनुराग वर्मा
लखनऊ 20 नवंबर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा ऑनलाइन आयोजित किये जा रहे चार दिवसीय ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 22वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के चौथे व अन्तिम दिन आज विभिन्न देशों के प्रख्यात न्यायविद्ों, कानूनविद्ों व अन्य गणमान्य हस्तियों को सम्बोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सी.एम.एस. लगातार समाज में एकता, शान्ति व भाईचारा को बढ़ावा दे रहा है, जो हम सबके लिए बड़े गर्व की बात है। सी.एम.एस. ने विश्व पटल पर लखनऊ का गौरव बढ़ाया है। लखनऊ विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. आलोक कुमार राय समेत विश्व भर के न्यायविद्ों, कानूनविद्ों व राजनीतिक हस्तियों ने जमकर चर्चा-परिचर्चा की और अपने सारगर्भित विचारों से एक नवीन विश्व व्यवस्था का बिगुल फूंका।
सम्मेलन के अन्तिम व चौथे दिन आज ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ के संयोजक डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ जारी किया। इस एतिहासिक सम्मेलन में चार दिन चली गहन चर्चा-परिचर्चा के उपरान्त विश्व के 50 देशों के मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों ने प्रस्ताव पारित किया है कि जब तक एक विश्व संसद, एक विश्व सरकार व प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था नहीं बन जाती, तब तक हमारा प्रयास जारी रहेगा। लखनऊ घोषणा-पत्र में कहा गया है कि – यह महसूस करते हुए कि ग्लोबल वार्मिंग व पर्यावरण में बदलाव इस ग्रह पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं और हाल ही में सम्पन्न संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (ब्वच् 26) में पेरिस समझौते और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेन्शन के लक्ष्यों की दिशा में कार्यवाही में तेजी लाने के लिए समझौता हुआ और समझौतों के अनुसार जो समय सीमा निर्धारित की गई है, उसमें कुछ बदलाव आने की उम्मीद है।
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