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मुख्यमंत्री महंत दिग्विजयनाथ एवं अवेद्यनाथ जी महाराज पुण्यतिथि समारोह पर आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ में हुए सम्मिलित

– सनातन धर्म के दो देवों श्रीराम और श्रीकृष्ण ने जनमानस को जितना प्रभावित किया, उतना व्यापक दृष्टान्त पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिलता: योगी आदित्यनाथ
वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाने वाली कथा है। यह सफलता के चरम उत्कर्ष और जीवन के परम सत्य तक पहुंचने की कथा है। हमारे जीवन की दैनिक, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावहारिक घटनाएं श्रीमद्भागवत कथा के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई देती हैं। अवसर था गोरखपुर में दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार, श्री गोरखनाथ मन्दिर में व्यासपीठ के पूजन के उपरान्त युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारम्भ अवसर का।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण मोक्ष ग्रंथ है। मोक्ष का अर्थ केवल जीवन से मुक्ति तक सीमित नहीं है। मोक्षदायी भागवतकथा, व्यक्ति जिस क्षेत्र में हो, उसमें पारंगत होने, उसके रहस्यों को जानने और सफलता के चरम तक पहुंचने की कथा है। श्रीमद्भागवत कथा और भगवान श्रीराम की लीला से जुड़ी कथाएं सनातन जनमानस में अत्यन्त लोकप्रिय हैं। सनातन धर्म के इन दो देवों श्रीराम और श्रीकृष्ण ने जनमानस को जितना प्रभावित किया है, उतना व्यापक दृष्टान्त पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिलता है। ऐसे दौर में जब हर व्यक्ति व्यस्त है, उन स्थितियों में भी सप्ताह भर घण्टों श्रद्धालुओं के द्वारा कथा श्रवण से जुड़ने की परम्परा है। श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा अपने अतीत में झांकने व विरासत को समझने का अवसर प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाभारत के भीषण संघर्ष में हर प्रकार की व्यापक हानि उन्हीं वेद व्यास जी के सामने हुई, जिनके आशीर्वाद से वंश परम्परा आगे बढ़ी। सोचा जा सकता है कि वेद व्यास जी के लिए महाभारत का समय कैसा रहा होगा। वेद व्यास जी ने मनःशांति के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की। वेद व्यास जी द्वारा 5200 वर्ष पूर्व रचित श्रीमद्भागवत महापुराण निरन्तर सनातन धर्मावलम्बियों के जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हुए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।
      मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारणीय है कि कितने मत, मजहब और सम्प्रदाय का इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना होगा, किन्तु श्रीमद्भागवत कथा पांच हजार वर्ष पूर्व से मानवीय सभ्यता के आध्यात्मिक उन्नयन और भौतिक विकास के उत्कर्ष का रहस्योद्घाटन करती है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, श्री गोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास, काशी से आए महामण्डलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, बड़े भक्तमाल अयोध्या के महंत अवधेश दास, सुदामा कुटी वृन्दावन के महंत सुतीक्ष्ण दास, कालीबाड़ी के महंत रविन्द्र दास सहित सन्तगण एवं श्रद्धालुजन उपस्थित थे।

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