वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
चित्रकूट 17 नवम्बर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने आज चित्रकूट के रामघाट पर लड़की हूँ-लड़ सकती हूँ संवाद को संबोधित करते हुए महिलाओं से उत्तर प्रदेश को बदहाली से निकालने के लिए संघर्ष में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने एक कविता पढ़ते हुए कहा कि ‘‘उठो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आयेगा!’’ प्रियंका गाँधी ने कहा कि महिलाओं को अपनी हालत बदलने के लिए ख़ुद संघर्ष करना होगा, कांग्रेस पार्टी हर क़दम पर उनके साथ है। उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि अगले चुनाव में वे आंख मूंद कर महिलाओं को वोट दें। आगामी चुनाव में महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने सहित तमाम प्रतिज्ञाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार बनने पर पुलिस में एक चौथाई महिलाओं को भर्ती करने और महिलाओं की शिकायत न सुनने वाले अधिकारी को दस दिन में सस्पेंड करने के अलावा एक विशेष आयोग के गठन के ऐलान पर विचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति में तब तक सुधार नहीं होगा जब तक फ़ैसले लेने वाली जगहों पर महिलाएं नहीं होंगी। उन्होंने महिलाओं से संघर्ष में आगे आने का आह्वान करते हुए ये कविता पढ़ी-
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे,
कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुए अखबारों से।
कैसी सुरक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से।।
कांग्रेस ने जो पहल की है, उस पर सभी दलों को चलने पर मजबूर होना पड़ेगा। कांग्रेस महासचिव ने कांग्रेस की अन्य प्रतिज्ञाओं की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार बनने पर लड़कियों को लड़कियों को स्मार्टफोन इसलिए दिया जायेगा ताकि वे आनलाइन पढ़ाई कर सकें। वे स्मार्ट पढ़ाई करें और स्मार्ट महिला बनें। साथ ही फोन पास होने पर वे सुरक्षित भी महसूस कर सकेंगी। स्कूटी इसलिए दी जाएगी ताकि वे पढ़ाई या नौकरी के लिए कहीं भी जा सकें। कांग्रेस की सरकार महिलाओं की बस यात्रा भी फ्री करेगी। इसके अलावा आरक्षण के मौजूदा प्रावधानों के तहत 40 फीसदी सरकारी नौकरियां महिलाओं को दी जाएगी। वृद्धा और विधवा पेंशन 1 हज़ार रुपये तक बढ़ाई जाएगी और आशा बहनों का मानदेय 10 हज़ार रुपये किया जाएगा। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज़ पर प्रदेश में 75 दक्षता विद्यालय खोले जायेंगे जहां लड़कियां कोई न कोई हुनर भी सीखेंगी ताकि आत्मनिर्भर बन सकें। श्रीमती प्रियंका ने कहा कि राजनीति में जो हिंसा है उसे खत्म करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाओं में करुणा होती है। वे अपने बच्चों का ही नहीं, दूसरे के बच्चों का भी ख्याल रखती हैं। महिलाओं में करुणा और सबकी मदद का भाव सबसे ज़्यादा होता है।