वेब वार्ता (न्यूज एजेंसी)/ अजय कुमार वर्मा
लखनऊ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जरूरतमंद लोगों को लगातार काम देने का कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण को उनकी मांग के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। अकुशल मजदूरों को उनके ही गांव में प्राथमिकता के साथ 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मनरेगा योजना के अंतर्गत मानव दिवस सृजन के मामले में उत्तर प्रदेश लगातार अग्रणी राज्य की श्रेणी में है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 20 करोड़ ज्यादा मानव दिवस सृजित कर लिये गये हैं।
वहीं अगर बीते 3 वर्षों की बात करें तो वर्ष 2021-22 की तो जहां 2021-22 में 32.56 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये थे, वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31.15 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये और वित्तीय वर्ष 2023- 24 में योजना के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब एक ही वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को 3 बार रिवाईज किया गया। इससे पहले वर्ष 2020-21 में 3 बार लक्ष्य बढ़ा था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पहले 21 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे 3 बार बढ़ाकर पहले 25 करोड़ फिर 30 करोड़ उसके पश्चात 34.50 करोड़ किया गया। जिस लक्ष्य को भी पार करते हुये उत्तर प्रदेश में 34.54 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किये गये । उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मनरेगा के तहत अधिक से अधिक काम देने के निर्देश से यह संभव हो सका है। मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है। गांवों में गरीबों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रही है।
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